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    Friday, January 17, 2025
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      प्रशिक्षण में देर से पहुंचने पर 13 शिक्षकों की वेतन कटौती का आदेश

      वेतन कटौती की इस कार्रवाई ने शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन की आवश्यकता को उजागर किया है। शिक्षकों का समय पर प्रशिक्षण में भाग लेना न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण है

      हिलसा (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के 13 माध्यमिक विद्यालयों के गणित शिक्षकों को प्रशिक्षण केंद्र पर देर से पहुंचने के कारण उनके वेतन में कटौती का सामना करना पड़ेगा। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) पटना के निदेशक ने इस संबंध में नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को पत्र लिखकर वेतन कटौती की अनुशंसा की है।

      दरअसल गणित विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए 5 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 23 से 28 दिसंबर, 2024 तक एससीईआरटी पटना में आयोजित किया गया था। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को गणित शिक्षण में नए और उन्नत तरीकों से परिचित कराना था।

      विभाग ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि चयनित शिक्षक 22 दिसंबर की शाम या 23 दिसंबर को पूर्वाह्न 10:00 बजे तक प्रशिक्षण केंद्र पर अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज कराएं।

      निर्देशों के बावजूद नालंदा जिले के 13 शिक्षकों ने समय पर योगदान नहीं दिया। इसे गंभीर मानते हुए निदेशक ने एक दिन के वेतन कटौती की अनुशंसा की है। पत्र में यह भी कहा गया है कि कटौती की प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसकी सूचना विभाग को उपलब्ध कराई जाए।

      निदेशक ने इस घटना को अनुशासनहीनता का उदाहरण बताते हुए यह स्पष्ट किया है कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस कार्रवाई का उद्देश्य शिक्षकों के बीच समयपालन और जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

      हालांकि प्रभावित शिक्षकों ने देर से पहुंचने के पीछे व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। उनका कहना है कि लंबी दूरी और परिवहन के कारण उन्हें समय पर पहुंचने में कठिनाई हुई। लेकिन विभाग ने इसे अस्वीकार्य मानते हुए स्पष्ट किया कि समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है।

      इसीलिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि सभी प्रभावित शिक्षकों के वेतन कटौती की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाए और इसकी रिपोर्ट राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद को दी जाए। यह घटना अन्य शिक्षकों के लिए भी चेतावनी स्वरूप है कि वे भविष्य में प्रशिक्षण और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करें।

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