पावापुरी (नालंदा दर्पण)। भगवान महावीर की निर्वाण स्थली पावापुरी में आयोजित महावीर के 2550 वें निर्वाण महोत्सव (Pavapuri Festival) के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने अपनी अद्भुत कला का प्रदर्शन किया। यह दो दिवसीय महोत्सव बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और नालंदा जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किया गया है।
इस अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में मधुरेंद्र ने भगवान महावीर की बालू पर विशाल आकृति उकेरी है, जो उनकी कला का बेहतरीन नमूना है। उन्होंने इस कलाकृति को बनाने में 24 घंटे का कठिन परिश्रम किया।
उनकी यह आकृति महोत्सव पंडाल के मुख्य सांस्कृतिक मंच के सामने स्थापित की गई है, जो ‘अहिंसा परमो धर्म’ का संदेश देती है। यह कलाकृति न केवल देखने वालों का ध्यान आकर्षित कर रही है, बल्कि पावापुरी की विश्व धरोहर को भी सम्मानित कर रही है।
मधुरेंद्र की इस भव्य कलाकृति को देश-विदेश के जैन सैलानियों और आम नागरिकों के स्वागत के लिए बनाया गया है। महोत्सव में आए सभी लोग इस अद्वितीय कलाकृति के सामने तस्वीरें खिंचवाने में व्यस्त दिख रहे हैं। हर कोई इसे देखकर अपने मोबाइल विथ सेल्फी लेते हुए दिख रहा है। इससे यह कलाकृति और भी आकर्षण का केंद्र बन गया है।
स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने मधुरेंद्र की कला की प्रशंसा की है। उनका कहना है कि इस प्रकार की कलाकृतियाँ न केवल संस्कृति को सहेजने का कार्य करती हैं, बल्कि समाज में अहिंसा और सद्भाव का भी संदेश फैलाती हैं। महावीर के निर्वाण महोत्सव के अवसर पर मधुरेंद्र की कलाकृति ने सभी का मन मोह लिया है और यह पावापुरी महोत्सव की यादगार विशेषता बन गई है।
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