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जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा: 31 जुलाई तक परिवार नियोजन मेला का आयोजन

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले में 11 से 31 जुलाई तक आयोजित जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए बिहारशरीफ मॉडल हॉस्पिटल परिसर में एक परिवार नियोजन मेला आयोजित किया गया।

इस मेले का उद्घाटन जिला सर्जन (डीएस) डॉ. कुमकुम ने किया। मेले का उद्देश्य तेजी से बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए जागरूकता फैलाना और परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी उपायों की जानकारी प्रदान करना था।

डॉ. कुमकुम ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि जनसंख्या वृद्धि एक गंभीर वैश्विक और स्थानीय चुनौती है। इसे नियंत्रित करने के लिए परिवार नियोजन के उपाय अपनाना अनिवार्य है। स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। ताकि मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।

उन्होंने यह भी बताया कि इस पखवाड़ा के दौरान निःशुल्क परिवार नियोजन संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।

मेले में योग्य दंपतियों को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों जैसे अंतरा इंजेक्शन, माला-डी गोली, कॉपर-टी, मुफ्त कंडोम, गर्भनिरोधक गोलियां और नसबंदी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।

स्वास्थ्य कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं ने इन साधनों के लाभ, उपयोग विधि और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में समझाया, जिससे लोगों की शंकाओं का समाधान हुआ।

इस मेले में बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएँ शामिल हुए। जिन्होंने परिवार नियोजन के महत्व को समझा और अपनी आवश्यकताओं के अनुसार निःशुल्क साधन प्राप्त किए।

इस मेले में एक विशेष प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें परिवार नियोजन से जुड़े सभी संसाधनों को प्रदर्शित किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य लोगों को इन साधनों की कार्यप्रणाली को दृश्य रूप से समझाने में मदद करना था। प्रदर्शनी ने उपस्थित लोगों का ध्यान आकर्षित किया और उन्हें स्वेच्छा से इन उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत नालंदा जिले के विभिन्न प्रखंडों और गाँवों में भी इसी तरह के जागरूकता कार्यक्रम और मेले आयोजित किए जाएंगे। इन आयोजनों का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक परिवार नियोजन की जानकारी पहुँचाना और उन्हें इसके प्रति प्रोत्साहित करना है।

इस मेले में उपस्थित लोगों ने परिवार नियोजन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संकल्प लिया। स्वास्थ्य कर्मियों ने जोर देकर कहा कि जनसंख्या स्थिरता न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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