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चंडी में चोरी की घटनाओं से जनाक्रोश, गूंजे ‘शराब चुलाई कराना बंद करो’ के नारे

हिलसा (नालंदा दर्पण)। चंडी थाना क्षेत्र के दयालपुर गांव में पिछले कुछ दिनों से चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सक्रिय बदमाशों ने इलाके में दहशत फैला रखी है और पुलिस की निष्क्रियता से ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।

बीती रात एक और चोरी की वारदात ने ग्रामीणों के सब्र का बांध तोड़ दिया, जब एक दूध व्यवसायी की दुकान को निशाना बनाया गया। सुबह सूचना मिलते ही पुलिस टीम जांच के लिए पहुंची। लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस को घेरकर नारेबाजी शुरू कर दी। ‘शराब चुलाई कराना बंद करो’ के नारे लगाते हुए ग्रामीणों ने अपना आक्रोश जाहिर किया। घंटों चले हंगामे के बाद पुलिस ने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया।

ग्रामीणों ने बताया कि दयालपुर और आसपास के इलाकों में चोरी की घटनाएं आम हो गई हैं। पिछले कुछ हफ्तों में कई वारदातें सामने आई हैं। 3 मार्च को कृष्ण मुरारी के बंद घर का ताला तोड़कर चोरों ने सामान चुरा लिया। इसके बाद 20 मार्च को गदनपुरा गांव की सरोज कुमारी की कर्णबाली बाइक को बाइक सवार बदमाशों ने लूट लिया।

फिर 21 मार्च की रात दूध व्यवसायी सुधीर सिंह की दुकान से चोरों ने केन, बैटरी और नगदी पर हाथ साफ कर दिया। उसी रात विक्की कुमार की बाइक भी चोरी हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि बदमाश बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। लेकिन पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही।

आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि 3 मार्च को एक चोर को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। लेकिन पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज करने के बजाय उसे शराब से जुड़े उत्पाद मामले में फंसा दिया।

ग्रामीणों का मानना है कि पुलिस की यह ढीली कार्रवाई बदमाशों का हौसला बढ़ा रही है। इसके अलावा गांव की मुसहर टोली में बड़े पैमाने पर शराब चुलाई का धंधा चल रहा है। सुबह से रात तक शराबियों का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे इलाके का माहौल खराब हो रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि इसकी शिकायत करने पर भी पुलिस सिर्फ गांव का चक्कर लगाकर खाली हाथ लौट जाती है।

चोरी की बढ़ती घटनाओं और शराब के अवैध कारोबार से तंग आ चुके ग्रामीण अब सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस अगर समय रहते बदमाशों पर नकेल नहीं कसती तो हालात और बिगड़ सकते हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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