सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा सड़क बनेगा फोरलेन, 539.19 करोड़ स्वीकृत

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद् की बैठक में राज्य के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस बैठक में सालेपुर-नरसंडा-तेलमर-करौटा (NH-30 के किलोमीटर 224.00 तक) पथ, जिसकी कुल लंबाई 1943 किलोमीटर है, उसे मौजूदा 2-लेन से बढ़ाकर 4-लेन में परिवर्तित करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई। इस परियोजना की अनुमानित लागत 53919.00 लाख रुपये (पांच सौ उनचालीस करोड़ उन्नीस लाख रुपये) निर्धारित की गई है।
यह सड़क परियोजना बिहार के सड़क ढांचे को और सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सालेपुर-करौटा पथ न केवल स्थानीय निवासियों के लिए आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग-30 (NH-30) के साथ कनेक्टिविटी को भी बेहतर करेगा। इस मार्ग का चौड़ीकरण व्यापार, परिवहन और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शहरों और बाजारों तक पहुंचने में सुविधा होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
इस परियोजना की घोषणा से स्थानीय निवासियों और व्यापारियों में उत्साह का माहौल है। इस सड़क के चौड़ीकरण से माल ढुलाई में समय और लागत दोनों की बचत होगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों तक पहुंचने में अब कम समय लगेगा। बेहतर सड़कें उनके बच्चों के लिए स्कूल और कॉलेज जाने को और सुरक्षित बनाएंगी।
इस परियोजना के पूर्ण होने से न केवल बिहार के आर्थिक विकास को गति मिलेगी, बल्कि सामाजिक एकीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। सड़क के चौड़ीकरण से दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है, क्योंकि मौजूदा 2-लेन सड़क पर अक्सर ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की समस्या देखी जाती है। इसके अलावा यह परियोजना स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में भी सहायक होगी, क्योंकि निर्माण कार्य के दौरान बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होगी।
अब मंत्रिपरिषद् की स्वीकृति के बाद अब इस परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी। निर्माण कार्य के लिए ठेकेदारों का चयन और अन्य तकनीकी प्रक्रियाएं जल्द ही पूरी की जाएंगी। यह परियोजना अगले कुछ वर्षों में बिहार के सड़क नेटवर्क को और मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगी।









