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छात्रा संग महीनों गंदा काम करने के दोषी को 20 साल की सजा और 3.75 लाख मुआवजा

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The accused of doing dirty work with a student for months got 20 years imprisonment and 3.75 lakh compensation
The accused of doing dirty work with a student for months got 20 years imprisonment and 3.75 lakh compensation

नालंदा जिला व्यवहार न्यायालय बिहारशरीफ के इस फैसले ने समाज को यह साफ संदेश दिया है कि बच्चियों और महिलाओं के साथ ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। न केवल आरोपी को कड़ी सजा मिली है, बल्कि पीड़िता को राहत देने के लिए आर्थिक मुआवजे का भी प्रावधान किया

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिला व्यवहार न्यायालय बिहारशरीफ के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम सह पास्को स्पेशल न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार ने छात्रा के साथ गंदा काम करने के गंभीर मामले में सख्त फैसला सुनाया है। न्यायालय ने आरोपी उदय महतो को पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड न देने पर आरोपी को 6 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। इसके साथ ही पीड़िता को न्यायालय ने पीड़ित प्रतिकर अधिनियम के तहत 3 लाख 75 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया।

यह मामला नालंदा जिले के इसलामपुर थाना क्षेत्र का है। जहां 3 नवंबर 2014 को पीड़िता के पिता ने घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार पीड़िता प्रतिदिन रात के 8 बजे अपने पिता के लिए खाना लेकर घर के दलान में जाती थी। इसी दौरान एक रात आरोपी उदय महतो ने मौका पाकर पीड़िता को दबोच लिया और जबरन खलिहान में ले जाकर उसके साथ गंदा काम किया।

पीड़िता ने बयान में बताया कि आरोपी ने घटना के बाद उसे धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया तो वह जान से मार देगा। डर के कारण पीड़िता ने कई महीनों तक चुप्पी साधे रखी। लेकिन आरोपी लगातार धमकी देकर उसके साथ गंदा काम करता रहा। जब पीड़िता के लिए सहन करना मुश्किल हो गया तो उसने अपने पिता को घटना के बारे में बताया।

जब पीड़िता के पिता ने आरोपी और उसके परिजनों से इस बारे में बात की तो उल्टा आरोपी और उसके परिवार ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की। इसके बाद पीड़िता के पिता ने मजबूर होकर थाने में मामला दर्ज करवाया।

इस मामले की सुनवाई के दौरान पास्को स्पेशल लोक अभियोजक सुशील कुमार ने अभियोजन पक्ष की ओर से मजबूत पैरवी की। उन्होंने न्यायालय के समक्ष 11 गवाहों की गवाही प्रस्तुत की और आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश किए। अभियोजन पक्ष ने न्यायालय से अधिकतम सजा देने की मांग की ताकि भविष्य में इस तरह के अपराधों को रोका जा सके।

न्यायालय ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को स्वीकार करते हुए आरोपी उदय महतो को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा पीड़िता को 3 लाख 75 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया। जिसमें से 1 लाख 25 हजार रुपये पहले ही पीड़िता को मिल चुके हैं।

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