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    Saturday, November 23, 2024
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      बिहारशरीफ सदर अस्पताल में लापरवाही की हद: घंटों पड़ा रहा जंजीर बंधा मरीज, किसी ने नहीं ली सुध

      बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहारशरीफ सदर अस्पताल में लापरवाही के मामलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन अस्पताल की अव्यवस्था और कर्मचारियों की लापरवाही की खबरें सुर्खियों में बनी रहती हैं।

      कभी शव वाहन की अनुपलब्धता के कारण मृतकों के परिजनों को शव कंधे या ठेले पर ले जाते देखा जाता है तो कभी इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का इलाज न होने के कारण शव घंटों तक जमीन पर पड़ा रहता है। रविवार को एक और ऐसी ही चौंकाने वाली घटना सामने आई, जिसने अस्पताल प्रशासन की गंभीरता पर सवाल खड़ा कर दिया।

      जंजीर बंधे मरीज की अनदेखीः मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह करीब 7 बजे डायल 112 की पुलिस एक गंभीर अवस्था में मरीज को लेकर बिहारशरीफ सदर अस्पताल पहुंची। इस मरीज के पैरों में जंजीर बंधी हुई थी और उसके शरीर पर कई जख्मों के निशान थे। 112 की पुलिस ने उसे इमरजेंसी वार्ड के बाहर चबूतरे पर छोड़ दिया, लेकिन वहां मौजूद किसी भी अस्पताल कर्मचारी ने उसकी सुध नहीं ली।

      घंटों तक पड़ा रहा मरीजः 12 बजे तक मरीज उसी अवस्था में चबूतरे पर पड़ा रहा। उसकी हालत इतनी खराब थी कि वह कुछ बोलने में भी असमर्थ था। इमरजेंसी के सामने फर्श पर पड़े मरीज को देखकर आने-जाने वाले लोग और अन्य मरीजों के परिजन भी अस्पताल प्रशासन की इस घोर लापरवाही से हैरान रह गए। किसी ने न तो उसे अंदर ले जाने की कोशिश की, न ही प्राथमिक उपचार दिया गया।

      स्थानीय हस्तक्षेप के बाद इलाज शुरूः अस्पताल आए अन्य मरीजों के परिजनों ने इस स्थिति को देखकर हस्तक्षेप किया। उन्होंने अस्पताल के स्टाफ से इस मामले में कार्रवाई की मांग की। इसके बाद जाकर अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू किया और फिर उसे बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

      अस्पताल की व्यवस्था पर उठते सवालः यह घटना न सिर्फ अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सदर अस्पताल में व्यवस्था कितनी बिगड़ चुकी है। इससे पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां शव वाहन की अनुपलब्धता या इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सकों की कमी की वजह से मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है। स्थानीय लोग लगातार अस्पताल की अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और प्रशासन से सुधार की मांग कर रहे हैं।

      लापरवाही के मामलों में सुधार की मांगः इस ताजा घटना के बाद, बिहारशरीफ के सदर अस्पताल में सुधार की मांग और तेज हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही के चलते मरीजों की जान पर बन आती है और प्रशासन की उदासीनता से सुधार की उम्मीद कम होती दिख रही है।

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