चंडी (नालंदा दर्पण)। चकाचौंध भरी बाहरी दिखावट के पीछे नालंदा के चंडी रेफरल अस्पताल की कुव्यवस्था ने एक बार फिर से असंवेदनशीलता की तस्वीर पेश की है। यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ठंड के इस मौसम में गर्म कंबल तक मयस्सर नहीं हो पा रहा है। बाहर से तो यह अस्पताल सुविधाओं से लैस और चकाचक नजर आता है, लेकिन अंदर की स्थिति बिल्कुल विपरीत है।
रविवार को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंची मोसिमपुर की डॉली कुमारी और हसनी की ललिता कुमारी ने शिकायत की कि उन्हें रात गुजारने के लिए न तो कंबल दिया गया और न ही कोई अन्य व्यवस्था की गई। ठंड में ठिठुरते हुए उन्होंने किसी तरह रात काटी।
अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने बताया कि ज्यादातर कंबल फट चुके हैं या सड़ गए हैं। बचे हुए कुछ कंबलों से बदबू आ रही है, जिस कारण मरीज उन्हें इस्तेमाल करने से मना कर देते हैं।
अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने स्वीकार किया कि यह समस्या गंभीर है। उन्होंने कहा कि हम मरीजों के लिए भाड़े पर कंबल उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि सवाल यह उठता है कि ऐसी स्थिति पहले से क्यों नहीं संभाली गई।
मरीजों को दिए जाने वाले भोजन में भी अनियमितताओं की शिकायतें आम हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते यहां के मरीजों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। रेफरल अस्पताल बनने के समय जो उम्मीदें जगी थीं, वे अब धूमिल होती नजर आ रही हैं।
अस्पताल की इन परिस्थितियों को देखकर स्थानीय निवासी भी नाराज हैं। उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए। उनका आक्रोश है कि यहां अस्पताल तो दिखावे के लिए बना है। यहां इलाज से ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है।
यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस समस्या का समाधान कब और कैसे करेगा। फिलहाल चंडी रेफरल अस्पताल की यह स्थिति चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
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