नालंदा दर्पण डेस्क। हरनौत थानान्तर्गत लोहरा पुल के पास एक ट्रक ने ऑटो में जोरदार टक्कर मार दी। जिससे ऑटो सवार चालक-मालिक की मौत हो गई, जबकि, 13 सवार जख्मी हो गए। इस हादसा के बाद चालक, ट्रक समेत फरार हो गया।
सूचना पाकर पहुंची पुलिस जख्मी को इलाज के लिए अस्पताल लाई। जहां से एक जख्मी को विम्स रेफर कर दिया गया। अन्य को मामूली चोटें आई थी। जिसमें ज्यादात्तर छात्राएं थीं।
हादसा में ऑटो के आगे का हिस्से का परखच्चे उड़ गए। मृतक के शव के टुकड़े सड़क पर बिखरे थे। आधार कार्ड से मृतकों की पहचान नियामतपुर गांव निवासी वाहन मालिक सोहावन पासवान और चालक लोहरा निवासी चंदन पासवान के रूप में की गई।
घटना के बाद आक्रोशितों ने सड़क पर ट्रक खड़ा कर जाम लगा दिया। ग्रामीण वरीय अधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने पारिवारिक लाभ योजना के तहत आश्रितों को बीस-बीस हजार का चेक उपलब्ध कराया।
तब करीब घंटे भर बाद मार्ग पर यातायात सुचारू हुआ। पुलिस शवों के टुकड़ों को जमा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल ले जाने में जुटी थी।
गोनावां बाजार से ऑटो यात्रियों को लेकर पतसिया जा रही थी। उसी दौरान लोहरा पुल के समीप मोड़ पर मुड़ते ही, विपरीत दिशा से आ रहे गिट्टी लोड ट्रक ने ऑटो में जोरदार टक्कर मार दिया। जिससे ऑटो के आगे के हिस्से का परखच्चा उड़ गए और चालक-मालिक की कुचलकर मौत हो गई।
उनके शवों के टुकड़े सड़क पर बिखर गए। घटना के बाद चालक ट्रक समेत फरार हो गया। घटना में 13 लोग जख्मी हुए। गंभीर रूप से जख्मी युवक का पैर टूट गया। जिसे विम्स रेफर कर दिया गया। अन्य सवार मामूली रूप से जख्मी हुए। जिसमें ज्यादात्तर छात्राएं थीं। जो कोचिंग से लौट रही थीं।
घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने मुआवजा व फरार चालक पर कार्रवाई की मांग करते हुए जाम लगा दिया। सड़क पर ट्रक खड़ा कर मार्ग अवरूद्ध किया गया था। लोग वरीय अधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे थे।
हंगामा की सूचना पाकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी आ गए। बीडीओ रवि कुमार ने दोनों मृतक के आश्रितों को बीस-बीस हजार रुपए का चेक उपलब्ध कराते हुए प्रावधान के तहत अन्य मुआवजा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। तब करीब घंटे भर बाद मार्ग से जाम हटा।
इस जाम में सेना के अधिकारी भी फंस गए। दरअसल ग्रामीणों ने नेताजी की कार समझ, अधिकारी के वाहन को रोक लिया। चालक द्वारा बताया गया कि वाहन में सेना के अधिकारी सवार है। इसके बाद आक्रोशितों ने रास्ता दिया।
मौत से दोनों परिवार में कोहराम मच गया। मौत इतनी भयावह थी कि शव के चिथड़े हो गए। मृतक चंदन के चाचा श्रवण ने बताया कि युवक वाहन चलाकर परिवार का भरण पोषण करता था।
पालनहार की मौत से परिवार के समक्ष पेट भरने की समस्या आन खड़ी हुई। ग्रामीण पीड़ित परिवार को ढाढ़स बंधाने में जुटे थे।