इस्लामपुर में दो छात्रा रहस्यमयी ढंग से लापता, अपहरण की आशंका

इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। हिलसा अनुमंडल के इस्लामपुर थाना क्षेत्र के सुहावनपुर सुढ़ी गांव में एक सनसनीखेज घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। गांव की दो नाबालिग छात्राएं, जिनकी उम्र क्रमशः 14 और 15 वर्ष है, वे शनिवार से रहस्यमयी ढंग से लापता हैं। दोनों छात्राएं दसवीं कक्षा में पढ़ती हैं और नियमित रूप से स्कूल जाया करती थीं।
परिजनों के अनुसार दोनों छात्राएं शनिवार की सुबह स्कूल जाने के लिए घर से निकली थीं, लेकिन इसके बाद वे वापस नहीं लौटीं। इस घटना ने न केवल परिवार वालों को चिंता में डाल दिया है, बल्कि पूरे गांव में डर और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है।
परिजनों ने बताया कि दोनों छात्राएं सुबह करीब 7 बजे घर से स्कूल के लिए निकली थीं। स्कूल में उनकी अनुपस्थिति की जानकारी मिलने पर परिजनों ने तुरंत खोजबीन शुरू की। आसपास के इलाकों, रिश्तेदारों के घरों और संभावित स्थानों पर दोनों की तलाश की गई, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला।
लापता छात्राओं के परिजनों का कहना है कि उनकी बेटियां पढ़ाई में होनहार थीं और नियमित रूप से स्कूल जाया करती थीं। एक परिजन ने बताया कि हमारी बेटियां सुबह स्कूल के लिए निकली थीं, लेकिन दोपहर तक जब वे घर नहीं लौटीं, तो हमें चिंता होने लगी। हमने हर जगह तलाश की, लेकिन कहीं कोई जानकारी नहीं मिली। हमें डर है कि कोई उनकी मासूमियत का फायदा उठाकर उन्हें ले गया हो।
परिजनों ने हरसंभव तलाश के बाद भी लापता छात्राओं के बारे जब कोई जानकारी नहीं मिली तो परिजनों का धैर्य टूट गया। उनकी आशंका है कि दोनों छात्राओं का गलत नियत से अपहरण किया गया हो सकता है। इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है और पुलिस से उनकी बेटियों को जल्द से जल्द ढूंढने की गुहार लगाई है।
घटना की सूचना मिलते ही इस्लामपुर थाना पुलिस हरकत में आ गई है। परिजनों ने थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने अपहरण की आशंका जताई है। थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है। आसपास के इलाकों में छानबीन की जा रही है। साथ ही सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी संसाधनों की मदद से छात्राओं का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही इस मामले में ठोस सुराग मिल सकता है।
बहरहाल यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह समाज में बढ़ती असुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने और स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहतर उपाय करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही माता-पिता और स्कूल प्रशासन को बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना देने के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है।









