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यूजीसी ने बदले नियम, छात्रों को बड़ी राहत, अब एक साथ 2 कोर्स होंगे मान्य

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध कॉलेजों को पत्र के साथ संशोधित दिशा-निर्देशों की प्रति संलग्न करते हुए तत्काल प्रभाव से इन नियमों को लागू करने का निर्देश दिया है...

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। उच्च शिक्षा की दुनिया से छात्रों के लिए एक बड़ी और सकारात्मक खबर सामने आई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने दो शैक्षणिक कार्यक्रम एक साथ करने की अनुमति से जुड़ी अपनी पुरानी गाइडलाइन में आंशिक संशोधन करते हुए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब वे छात्र भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे, जिन्होंने यूजीसी की अधिसूचना जारी होने से पहले ही दो डिग्रियां पूरी कर ली थीं।

यूजीसी की यह महत्वपूर्ण घोषणा 589वीं बैठक में पारित की गई, जिसकी पुष्टि खुद यूजीसी सचिव प्रो. मनीष आर. जोशी ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह बदलाव छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए किया गया है, ताकि जिन विद्यार्थियों ने नियमों का पालन करते हुए दो डिग्रियां पूरी की हैं, उन्हें किसी प्रकार की मान्यता से वंचित न रहना पड़े।

अब तक के नियमों के अनुसार, दो डिग्रियों को एक साथ करने की अनुमति तो दी गई थी, लेकिन इसका लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिल रहा था, जिन्होंने यूजीसी द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद यह शैक्षणिक कदम उठाया था। इसके चलते अधिसूचना से पहले दो कोर्स पूरा कर चुके छात्रों की डिग्रियों को मान्यता नहीं मिल पा रही थी।

संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार अगर छात्रों ने दो शैक्षणिक पाठ्यक्रम यूजीसी डिग्री रेगुलेशन, संबंधित विश्वविद्यालयों के एक्ट, नियमावली, और वैधानिक पेशेवर परिषदों एवं दूरस्थ शिक्षा परिषद के नियमों के अनुसार पूरे किए हैं, तो अब वे पूरी तरह वैध और मान्य माने जाएंगे।

इस निर्णय से उन हजारों छात्रों को राहत मिलेगी, जिन्होंने अपनी रुचियों और करियर की संभावनाओं को देखते हुए दो डिग्रियां समानांतर रूप से पूरी की थीं, लेकिन अब तक मान्यता के अभाव में नौकरी या उच्च शिक्षा के अवसरों से वंचित थे।

यूजीसी के इस फैसले का स्वागत करते हुए पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. एनके झा ने कहा कि यह बदलाव उच्च शिक्षा में लचीलापन और स्वतंत्रता को बढ़ावा देगा। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय जल्द ही इस संबंध में औपचारिक दिशा-निर्देश जारी करेगा ताकि सभी संबंधित छात्र इसका लाभ उठा सकें।

वहीं विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. गणेश महतो ने इस फैसले को छात्रों के हित में लिया गया ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि  कई छात्र अपने कैरियर विकल्पों और व्यक्तिगत रुचियों को लेकर दो कोर्स साथ-साथ करते हैं, लेकिन तकनीकी अड़चनें सामने आ जाती थीं। अब वह बाधा पूरी तरह खत्म हो चुकी है।

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यूजीसी का यह संशोधन न केवल शैक्षणिक योग्यता की मान्यता को मजबूती देगा, बल्कि यह छात्रों को नौकरी और उच्च शिक्षा के अवसरों में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगा।

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों और उनसे संबद्ध कॉलेजों को पत्र के साथ संशोधित दिशा-निर्देशों की प्रति संलग्न करते हुए तत्काल प्रभाव से इन नियमों को लागू करने का निर्देश दिया है।

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