नगरनौसा ( नालंदा दर्पण )। नगरनौसा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रचार अपने चरम पर है। पिछले पांच साल में पंचायत के मुखिया का लेखा-जोखा अब जनता जनार्दन के सामने है।
मुखिया जहां मतदाताओं के समक्ष अपने विकास कार्यों का ढिंढोरा पीट रहे हैं वहीं जनता पांच साल में अपने वार्ड में रती भर भी कार्य नहीं होने का रोना रो रहे हैं। कहीं कहीं तो जनता खुद अपने चंदे से नली गली या फिर नल जल का प्रबंध कर रहे हैं।
कुछ ऐसा ही हुआ है नगरनौसा प्रखंड के कछियावां पंचायत में। यहां मुख्यमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट दम तोड दिया है। जब पंचायत के भोभी के वार्ड संख्या तीन में नल जल योजना का कोई काम पांच साल में नहीं हुआ, तब ग्रामीणों ने आपस में चंदा कर बोरिंग करा कर नल जल उपलब्ध कराया।
यह करारा तमाचा है पंचायती राज शासन व्यवस्था पर, पंचायत के मुखिया पति के चेहरे पर, योजनाओं के देखभाल करने वाले जिम्मेदार पदाधिकारियों के लिए।
कहने को सीएम सात निश्चय योजना से गांव की तकदीर और तस्वीर बदली है लेकिन कछियावां पंचायत का यह वार्ड नल जल योजना से कोसो दूर है।
नगरनौसा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए चुनाव प्रचार में अंतिम जोर लगाने में प्रत्याशी लगे हुए हैं।
कछियामा पंचायत के मुखिया के पति भी अपने समर्थकों के साथ पंचायत के विभिन्न गांवों का दौरा कर विकास की झूठी शान का ढिंढोरा पीट वोट मांग रहे हैं। जबकि कछियावां पंचायत के भोभी गांव के वार्ड नं तीन के ग्रामीणों को रत्ती भर भी पानी मुनासिब नहीं हुआ।
आखिरकार इस व्यवस्था से तंग आकर वार्ड नं 3 के ग्रामीणों ने आपस मे चंदा उगाही कर बोरिंग करा जल का सुविधा उपलब्ध भोभी ग्राम के वार्ड नं 3 निवासी सरिता देवी, बिंदिया देवी,सिबोध जायसवाल, वीणा देवी ने बताया कि वे लोग एक लाख पच्चीस हजार की लागत से बोरिंग करा पानी पीने का प्रबंध किए हैं।
जब इस बात के लिए वार्ड नं 3 के ग्रामीण मुखियाइंन से मिलने गए तो उनके पति रामचंद्र प्रसाद ने साफ तौर पर कहा कि जहाँ जाना है जाओ। वह विधायक जी का आदमी हूँ। कोई मेरा उखाड़ नहीं सकता।
मुखिया पति भले अहम में रहें कि वे विधायक के आदमी हैं, लेकिन जनता के आगे किसी की नहीं चलती। ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों का हिसाब जनता लेने के लिए तैयार बैठी है।
Comments are closed.