बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। जिला न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम सह पास्को स्पेशल न्यायाधीश संतोष कुमार गुप्ता ने 16 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म एवं बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) की धारा 4/6 के तहत दोषी करार आरोपी मो. जीशान उर्फ जीशान अली को 10 वर्ष कठोर कारावास के साथ 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनायी है। अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
पीड़िता को बिहार पीड़ित प्रतिकर अधिनियम के तहत 6 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश भी दिया है। इसी मामले में दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था। आरोपी खुदागंज थाना क्षेत्र का निवासी है।
मामले में 19 जनवरी 21 को धारा 164 के तहत किशोरी का बयान न्यायाधीश सेफाली नारायण ने कलमबद्ध किया था। जिसमें पीड़िता ने घटना का समर्थन किया था।
अभियोजन की ओर से पास्को स्पेशल पीपी सुशील कुमार ने बहस करते हुए न्यायाधीश से इस जघन्य अपराध के लिए कठोर से कठोर सजा का अनुरोध किया तथा 7 गवाहों से गवाही भी कराई।
दरअसल, पीड़िता द्वारा न्यायालय में 9 अगस्त 2018 को परिवाद पत्र दाखिल किया गया। जिसके अनुसार आरोपी मोहम्मद जीशान का पीड़िता अपनी चचेरी बहन है। घर के सभी लोग मुहर्रम के अवसर पर मेला देखने गए हुए थे। पीड़िता घर पर अकेली थी।
इसी बीच अभियुक्त जीशान अली पीड़िता घर में आकर उसके साथ छेड़खानी करने लगा। पीड़िता ने घर वालों को बता देने की बात कही तो आरोपी ने अपने कमर से पिस्तौल निकाल लिया और जान से मारने की धमकी देकर पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
साथ ही अपने मोबाइल पर पीड़िता का आपत्तिजनक तस्वीर भी खींच लिया। पीड़िता को धमकी देते हुए कहा कि अगर किसी को घटना के बारे में जानकारी दी तो तस्वीर को फेसबुक पर डालकर वायरल कर देंगे।
पीड़िता ने डर से किसी को कुछ नहीं बताया। आरोपी इसी का फायदा उठाकर पीड़िता के साथ बार-बार दुष्कर्म करने लगा।
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