चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी सहित पूरे प्रखंड विभिन्न के मस्ज़िदों में रमज़ान की आखिरी जुमा अलविदा की नमाज़ पूरे अकीद्दत के साथ पढा गया तथा अमन चैन के लिए दुआ किया गया।
रमज़ान का आखिरी जुमा होने के कारण मस्ज़िद में अच्छी खासी नमाज़ियों का भीड़ थी।
वही छोटे छोटे बच्चों में नमाज़ पढ़ने को लेकर काफी उत्साह देखा गया।
रमज़ान माह में पड़ने बाले आखिरी जुमा का खास महत्व है।
रमज़ान के तीसरे और आखिरी अशरे में की गई इबादत रोजेदारों को जहन्नुम की आग से बचाती है।
इस अशरे में जो आखिरी जुमा आता है, उसे अलविदा जुमा कहते है।
पूरे रमज़ान के पाक महीने में रोजेदार अल्लाह की इबादत करते है। अल्लाह का शुक्रिया करते है कि जिसने हमे जिंदगी बख्शी है। नमाज़ पढ़ने बाला व्यक्ति कभी किसी के साथ कुछ गलत नही करता है। अलविदा का नमाज़ लोगों नम आंखों से पढ़ा।
पांच वक्त की नमाज़ और तरावीह अदा करने से मानसिक रूप से सुकून मिलता है। जुमे के नमाज़ में मौलाना ने तकरीर करते हुए कहा कि ईद की नमाज़ के पहले फितरा जकात निकाल लेना चाहिए।
फितरा ईद की नमाज़ पढ़ने के पहले जरूरतमंदों के बीच बाट देना चाहिए। जबकि जकात जिसके पास अधिक धन है उस पर वाजिब है। चंडी मस्ज़िद में ईद की नमाज़ सुबह सात बजकर तीस मिनट पर होगा।
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