बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण )। बहुचर्चित ट्रांसपोर्टर मिश्री गोप हत्याकांड में आरोपित गिरियक प्रमुख समेत दो लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। वहीं साक्ष्य के अभाव में 5 आरोपियों को रिहा कर दिया गया है। सजा निर्धारण पर फैसला 29 सितंबर होगी।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. रमेश चंद्र द्विवेदी ने हत्या का आरोप सही पाए जाने पर गिरियक प्रमुख रामशरण यादव उर्फ शरण गोप एवं इंद्रदेव यादव को दोषी करार दिया है। वहीं आरोपित रहे उमेश यादव, सुजीत कुमार, विवेक राय, दीपक कुमार, कुणाल कुमार को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया।
इस मामले के 6 आरोपित जेल में बंद थे। वहीं कुणाल कुमार जमानत पर थे। अभियोजन की ओर से 9 लोगों ने गवाही दी थी। आरोपित ने भी बचाव में 3 लोगों की गवाही कराई थी।
बता दें कि विगत 1 अक्टूबर, 2019 की सुबह करीब 7 बजे सूचक अजय कुमार यादव व भाई विजय कुमार उर्फ धनंजय अपने घर के दरवाजे पर बैठा था। उसी समय उसके पिता मिश्री यादव आ गए, तभी सभी आरोपी ने मिलकर उन्हें घेर लिया और इंद्रदेव यादव के कहने पर लाठी डंडे से मारना शुरू कर दिया। इतने में वे गिर गए। उसके बाद भी सारे आरोपी तब तक पीटते रहे, जब तक उसकी मृत्यु न हो गई।
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