“शिक्षा विभाग का यह कदम बिहार में शिक्षा सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है। प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन प्रक्रिया को समयबद्ध और निष्पक्ष बनाने के लिए विभाग ने पूरी तैयारी की है….”
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित प्रधान शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। इसके बाद शिक्षा विभाग ने प्रमाण पत्र वेरिफिकेशन के लिए प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर ली है। वेरिफिकेशन की यह प्रक्रिया 9 दिसंबर से 13 दिसंबर तक चलेगी, जो जिला शिक्षा कार्यालय (डीईओ) के निर्देशानुसार डीआरसीसी कार्यालय बिहारशरीफ में आयोजित की जाएगी।
पांच टाइम स्लॉट में होगी वेरिफिकेशन प्रक्रियाः नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार वेरिफिकेशन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए इसे पांच टाइम स्लॉट में बांटा गया है। सभी सफल अभ्यर्थियों को उनके मोबाइल नंबर पर वेरिफिकेशन की जानकारी भेज दी गई है। अभ्यर्थियों को अपने टाइम स्लॉट के अनुसार ही डीआरसीसी कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है।
आवश्यक दस्तावेज और नियमावलीः वेरिफिकेशन के लिए अभ्यर्थियों को निम्नलिखित दस्तावेज साथ लाने होंगे-
- आठ वर्षों का शिक्षक अनुभव प्रमाण पत्र (जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा निर्गत)।
- प्रधान शिक्षक परीक्षा का मूल प्रवेश पत्र और छायाप्रति।
- आधार कार्ड (मूल और छायाप्रति)।
- एसटीईटी, बीटीईटी या एसटीईटी उत्तीर्णता प्रमाण पत्र।
- सभी शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र।
- पासपोर्ट साइज की फोटो।
- आरक्षण दावा से संबंधित प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)।
- आधार से लिंक मोबाइल नंबर।
समय और स्थानः वेरिफिकेशन प्रक्रिया सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेगी। अभ्यर्थियों को उनके निर्धारित टाइम स्लॉट में ही डीआरसीसी कार्यालय में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। वेरिफिकेशन में शामिल होना सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य है।
वेरिफिकेशन में देरी पर हो सकता है नुकसानः जिला शिक्षा पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वेरिफिकेशन में शामिल न होने वाले अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया में बाधा आ सकती है। इसलिए सभी सफल अभ्यर्थियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने तय समय पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ उपस्थित हों।
अभ्यर्थियों में उत्साह और तैयारीः प्रधान शिक्षक पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों के बीच वेरिफिकेशन को लेकर उत्साह है। कई अभ्यर्थियों ने बताया कि वे अपने दस्तावेजों को तैयार करने में जुटे हुए हैं। वेशक यह कदम शिक्षा सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है।
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