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विशेष विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ, जानें कब होगी बहाली

इस नियुक्ति प्रक्रिया से न केवल दिव्यांग बच्चों को समुचित शिक्षा का अधिकार मिलेगा, बल्कि समाज में समान अवसर और समावेशी विकास की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है। शिक्षा क्षेत्र के जानकारों ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे एक ऐतिहासिक और संवेदनशील निर्णय बताया है, जो शिक्षा के क्षेत्र में बिहार को एक नई दिशा देगा...

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार राज्य के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल होने जा रही है। शिक्षा विभाग ने कुल 7279 विशेष विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे अब किसी भी समय बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) को भेजा जा सकता है। इस प्रस्ताव को वित्त विभाग समेत अन्य सभी संबंधित विभागों की औपचारिक स्वीकृति मिल चुकी है, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया का रास्ता अब पूरी तरह से साफ हो गया है।

इस पहल की खास बात यह है कि बिहार में पहली बार सरकारी विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। ये शिक्षक दिव्यांग और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने में दक्ष और प्रशिक्षित होंगे, जिससे इन्हें समावेशी शिक्षा का बेहतर वातावरण मिल सकेगा।

शिक्षा विभाग के अनुसार, प्राथमिक विद्यालयों के लिए 5534 पद और मध्य विद्यालयों के लिए 1745 पद सृजित किए गए हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस प्रस्ताव को पहले जनवरी 2025 में BPSC को भेजा गया था, लेकिन आयोग ने कुछ तकनीकी बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था। दुर्भाग्यवश, विभाग ने समय पर उत्तर नहीं भेजा, जिससे प्रक्रिया में विलंब हुआ।

हालांकि, मई महीने के उत्तरार्ध में आयोजित विशेष विभागीय समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने इस विषय पर गंभीरता दिखाते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके स्पष्ट निर्देशों के बाद विभाग ने अधियाचना को अंतिम रूप दे दिया है। इसके साथ ही जिलेवार रोस्टर क्लियरेंस की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है, जो नियुक्ति प्रक्रिया की एक अहम कड़ी होती है।

शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अधियाचना जून माह में ही भेज दी जाएगी और उम्मीद की जा रही है कि इस शैक्षणिक सत्र के उत्तरार्ध तक विशेष शिक्षकों की नियुक्ति भी पूरी कर ली जाएगी। इससे राज्य के हजारों विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को योग्य शिक्षक मिल सकेंगे, जो उनके शैक्षणिक जीवन को नया आयाम देगा।

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