बिहार पुलिस अकादमी दीक्षांत समारोह: 12 नए डीएसपी ने संभाली कमान

राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बिहार पुलिस अकादमी राजगीर में 68वीं बैच के प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षकों (डीएसपी) का दीक्षांत परेड समारोह गरिमामय और उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक अवसर पर अकादमी के परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम ने न केवल नए अधिकारियों की क्षमताओं का प्रदर्शन किया, बल्कि बिहार पुलिस की नई पीढ़ी के उदय को भी चिह्नित किया।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय (पीटीसी) की निदेशक एडीजी आर. मलर विली ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को पुरस्कृत किया। इस बैच से कुल 12 नए डीएसपी बिहार पुलिस बल में शामिल हुए हैं, जिनमें एक जिला समादेष्टा भी शामिल है। इनमें से सात पुरुष और पांच महिलाएं हैं, जो पुलिस बल में लैंगिक समानता की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
समारोह की शुरुआत अकादमी के प्राचार्य डीआईजी एके लाल द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के साथ हुई, जिसमें उन्होंने बैच की उपलब्धियों और प्रशिक्षण की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। इसके बाद प्रशिक्षुओं को शपथ दिलाई गई, जो उनके करियर की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक बनी।
एसपी सह सहायक निदेशक (प्रशिक्षण) सुशील कुमार ने अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया, जबकि एसपी सह सहायक निदेशक (प्रशासन) चंद्र प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया।
इस मौके पर नालंदा एसपी भारत सोनी, एसपी कामिनी वाला, डीएसपी अजय कुमार सहित अकादमी के फैकल्टी सदस्य, अनुदेशक, प्रशिक्षक और अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनकी मौजूदगी ने समारोह को और अधिक गरिमामय बना दिया।
नए डीएसपी की शैक्षणिक पृष्ठभूमि विविध और प्रभावशाली है, जो पुलिस बल में तकनीकी और प्रबंधकीय कौशलों की मजबूती को दर्शाती है। इनमें से सात प्रशिक्षु तकनीकी शिक्षा में स्नातक हैं। एक कला में स्नातकोत्तर, एक एमबीए धारक है। जबकि शेष तीन कला या विज्ञान में स्नातक हैं।
एक वर्ष के कठिन प्रशिक्षण के दौरान इन्होंने कानून की बारीकियां, जांच प्रक्रियाएं, जनसंपर्क और व्यावहारिक कौशलों को आत्मसात किया। परेड के दौरान प्रशिक्षुओं ने अनुशासन, परेड कौशल और प्रशिक्षण से अर्जित ज्ञान का शानदार प्रदर्शन किया, जो दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर गया।
मुख्य अतिथि एडीजी आर. मलर विली ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि एक वर्ष के कठिन प्रशिक्षण के दौरान आप सभी ने कानून की बारीकियां, जांच की प्रक्रिया और जनसंपर्क का महत्व सीखा है। अब इन ज्ञानों को व्यवहार में उतारने का समय आ गया है। पुलिस अधिकारियों का आचरण जनता के विश्वास से जुड़ा होता है। जनता के साथ शालीन व्यवहार और निष्पक्षता से कार्य करेंगे तो सफलता स्वतः मिलेगी।
एडीजी ने आगे जोर देकर कहा कि किसी भी पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिलने तक पुलिस अधिकारी को मामले का अनुसरण करते रहना चाहिए। यही सच्ची सेवा भावना और पुलिस धर्म है। उन्होंने नए अधिकारियों को अनुशासन, निष्ठा, सेवा भावना और जनसुरक्षा के प्रति समर्पित रहने का संदेश दिया। यह समारोह न केवल बिहार पुलिस की परंपरा और गौरव को दर्शाता है, बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने में इन नए अधिकारियों की भूमिका पर भी प्रकाश डालता है।
प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जो उनकी मेहनत और समर्पण का प्रमाण हैं। सीएम पिस्टल और डीजीपी तलवार नुरुल हक को प्रदान की गई। डीजीपी की छड़ी सौरव और सुश्री अपर्णा भारती को मिली। निदेशक ट्रॉफी (कानून में सर्वश्रेष्ठ) सुश्री दिव्या कुमारी को, जबकि निदेशक ट्रॉफी (सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन) सौरव को दी गई।
वहीं निदेशक ट्रॉफी (कानूनी मामलों के प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ) कोमल मेहता को प्राप्त हुई। अनिल कुमार सिन्हा मेमोरियल ट्रॉफी (सर्वश्रेष्ठ थीसिस) सौरव के नाम रही। निदेशक ट्रॉफी (पीटी में सर्वश्रेष्ठ) नुरुल हक और राकेश कुमार को मिली। फायरिंग में सर्वश्रेष्ठ (पुरुष) का पुरस्कार सौरव को और फायरिंग में सर्वश्रेष्ठ (महिला) का सम्मान सुश्री कुमारी प्रियंका को दिया गया। 10 किलोमीटर की दौड़ में (पुरुष) विकास कुमार और (महिला) में कोमल मेहता विजेता बने। सर्वश्रेष्ठ घुड़सवारी के लिए नुरुल हक और विकास कुमार को सम्मानित किया गया।
नए डीएसपी की सूची सुश्री कुमारी प्रियंका, सुश्री प्रेरणा सिंह, कोमल मेहता, नीरव कुमार पाल, श्रवण कुमार राय, सौरव, राकेश कुमार, नुरुल हक, विकास कुमार, सुश्री अपर्णा भारती, रिषभ कुमार और सुश्री दिव्या कुमारी शामिल हैं।
इन अधिकारियों के शामिल होने से बिहार पुलिस बल में नई ऊर्जा का संचार हुआ है और राज्य की जनता को अधिक कुशल और समर्पित पुलिस सेवा की उम्मीद है। यह समारोह बिहार पुलिस अकादमी की अनुशासनपूर्ण परंपरा का जीवंत उदाहरण बन गया, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।









