चंडीचुनावनालंदाफीचर्डहरनौतहिलसा

हरनौत विधानसभा: नीतीश की जन्मभूमि पर बुजुर्ग योद्धा बनाम युवा विद्रोही और जनसुराज

चंडी (नालंदा दर्पण)। बिहार विधानसभा चुनाव-2025 की धूल उड़ाते ही हरनौत विधानसभा सीट एक बार फिर राजनीतिक अखाड़े का केंद्र बन चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जन्मभूमि और राजनीतिक कर्मभूमि रही इस सीट पर इस बार न सिर्फ पारंपरिक दिग्गजों का जलवा है, बल्कि बदलते समीकरणों ने मुकाबले को त्रिकोणीय जंग में बदल दिया है।

78 वर्षीय एनडीए के दिग्गज हरिनारायण सिंह जनता दल (यूनाइटेड) की ओर से मैदान में हैं, उनके सामने 42 वर्षीय कांग्रेस के युवा चेहरे अरुण कुमार कड़ी चुनौती दे रहे हैं। बीच में जनसुराज के कमलेश पासवान ने ‘तीसरा विकल्प’ की उम्मीद जगाते हुए मुकाबले को और रोमांचक बना दिया है। कुल 11 उम्मीदवारों के बीच मुख्य लड़ाई जदयू-कांग्रेस के बीच तो है ही, लेकिन जनसुराज की एंट्री ने इसे अनिश्चितता की भंवर में धकेल दिया है।

हरनौत की मिट्टी में नीतीश कुमार का खून रचा-बसा है। यह सीट न सिर्फ उनकी राजनीतिक विरासत का प्रतीक है, बल्कि हर चुनाव में बिहार की सियासत का आईना भी। लेकिन वर्तमान स्थिति का जायजा लें तो मतदान के ठीक पहले के माहौल में एक अजीब सी उथल-पुथल दिख रही है।

ग्रामीण इलाकों में जदयू के कार्यकर्ता हरिनारायण सिंह के ‘अटूट रिकॉर्ड’ का बखान कर रहे हैं। वे 13 बार चुनाव लड़ चुके हैं और 9 बार जीत हासिल कर चुके। लेकिन युवा वोटबैंकों में असंतोष की फुसफुसाहटें साफ सुनाई दे रही हैं। सिंह की उम्र को लेकर पार्टी के अंदर ही ‘टिकट वितरण में भेदभाव’ का शोर मचा है।

कई स्थानीय जदयू नेता खुलेआम कह रहे हैं कि वरिष्ठ नेता को सम्मान तो दें, लेकिन नई पीढ़ी को मौका क्यों न दें? यह असंतोष 2020 के चुनावी आंकड़ों से भी झलकता है, जब सिंह को 65,001 वोट मिले थे। उस समय एलजेपी (आर) की ममता देवी 37,951 वोटों से दूसरे नंबर पर रहीं, जबकि कांग्रेस के कुंदन कुमार मात्र 21,003 वोटों से तीसरे स्थान पर सिमट गए।

अब 2025 में वोटरों का मनोबल बदल रहा है। हाल के सर्वे दिखाते हैं कि 35% युवा वोटर (18-35 आयु वर्ग) हरिनारायण सिंह की ‘उम्रदराज छवि’ से नाराज हैं। वे इसे ‘पुरानी राजनीति का प्रतीक’ मान रहे हैं। यहीं कांग्रेस को सुनहरा मौका मिला है। महागठबंधन का चेहरा कांग्रेसी उम्मीदार अरुण कुमार ने अपनी युवा ऊर्जा और परिवर्तन की लहर के नारे से ग्रामीण युवाओं को लुभा रहे हैं। उनके रोड शो में किसान और छात्र दिख रहे हैं जो बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर सिंह को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

अरुण के पक्ष में एक बड़ा फैक्टर है कि कांग्रेस का अति पिछड़ा और मुस्लिम वोटबैंक, जो 2020 में बिखरा था, अब एकजुट होता नजर आ रहा है। अनुमान है कि यदि यह वोट ट्रांसफर सही रहा तो अरुण 40,000 से अधिक वोट हासिल कर सकते हैं। लेकिन असली ट्विस्ट जनसुराज के कमलेश पासवान लेकर आए हैं।

प्रशांत किशोर की पार्टी ने ‘तीसरा रास्ता’ का दावा करते हुए हरनौत को अपनी प्रयोगशाला बना लिया है। दलित समाज के कमलेश ने दलित और EBC वोटरों को निशाना बनाया है। उनके कैंपेन में ‘नीतीश मॉडल थक चुका, कांग्रेस सपनों का सौदेबाज’ जैसे नारे गूंज रहे हैं।

वर्तमान माहौल में जनसुराज को 15-20% वोट शेयर मिलने की संभावना है, जो मुख्य मुकाबले को बिगाड़ सकता है। पिछले तीन चुनावों (2010, 2015, 2020) में देखा गया कि मतदान से 24 घंटे पहले जदयू का सीधा मुकाबला ‘एनडीए एकजुटता’ से पलट जाता था। इस बार भी वैसा हो सकता है, लेकिन जनसुराज की वजह से वोट स्प्लिट हो सकता है। इससे जदयू को नुकसान और कांग्रेस को फायदा पहुंच सकता है।

चुनावी पैनल में अन्य उम्मीदवार भी पसीना बहा रहे हैं, जो मुकाबले को और रंगीन बना रहे हैं। आम आदमी पार्टी के धर्मेंद्र कुमार ‘शिक्षा क्रांति’ का वादा कर रहे हैं, जबकि राष्ट्रीय सनातन पार्टी के इंद्रसेन प्रियदर्शी हिंदुत्व के मुद्दे उठा रहे हैं।

विकास वंचित इंसान पार्टी के धनंजय कुमार और निर्दलीय उम्मीदवारों जैसे अनिरुद्ध कुमार, पिंटू पासवान विनय भूषण कुमार अपनी छोटी-मोटी ताकत दिखाने को बेताब हैं। लेकिन मुख्य तीन हरिनारायण सिंह, अरुण कुमार और कमलेश पासवान के बीच ही 80% वोट बंटेंगे, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है।

विश्लेषण करें तो हरनौत नीतीश कुमार की साख का आईना है। यदि सिंह हार गए तो यह ‘नीतीश मॉडल’ की थकान का संकेत होगा। लगातार 20 साल सत्ता में रहने के बाद युवाओं का मोहभंग बताएगा। वहीं जीत हुई तो सिंह का रिकॉर्ड अनोखा बनेगा। सबसे अधिक उम्र में विधायक (78 वर्ष) और सबसे ज्यादा चुनाव लड़ने का कीर्तिमान।

लेकिन राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं। महागठबंधन की एकजुटता, जनसुराज का उभार और एनडीए के आंतरिक कलह सब दांव पर हैं। ग्रामीण सड़कों पर लगे पोस्टर, बाजारों में गूंजते नारे और युवाओं के सोशल मीडिया कैंपेन सब मिलकर हरनौत को बिहार का हॉटस्पॉट बना रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!