नालंदा दर्पण डेस्क। बिहार के सरकारी स्कूलों के लिए बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से पहले चरण में 1.25 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की अनुशंसा की गई है। शिक्षा विभाग की ओर से इन सभी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र भी सौंप दिया गया। लेकिन अब प्रमाण पत्रों की जांच में कई चयनित शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द भी किया जा रहा है।
नालंदा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार 31 विद्यालय अध्यापकों का काउंसिलिंग के बाद विद्यालय पदस्थापन पत्र को निरस्त कर दिया गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की ओर से पहले ही आदेश जारी हो चुका है।
नालंदा जिला के शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में बीपीएससी की अनुशंसा पर स्कूल टीचरों का विद्यालय पदस्थापन पत्र निर्गत हो चुका था। जिसके बाद संबंधित स्कूल टीचरों की ओर से काउंसिलिंग के समय या स्कूल में योगदान के समय प्रमाण पत्र पेश किए। इन शैक्षणिक प्रमाण पत्र के आधार पर 31 टीचरों के सभी प्रमाण पत्रों को योग्य नहीं पाया गया। जिसके कारण काउंसिलिंग के बाद उनकी नियुक्ति को रद्द करने का निर्णय लिया गया।
बीपीएससी पास जिन टीचरों का विद्यालय पदस्थापन पत्र को निरस्त किया गया है, उनमें कक्षा 9-10 की टीचर पुष्पांजली कुमारी, संतोष कुमार, रेणु कुमारी, अशोक कुमार, आरती कुमारी, सरस्वती कुमारी, सुब्बी कुमारी और कुंदर कुमार शामिल है।
वहीं 11-12वीं कक्षा की टीचर रीभा कुमारी रोमिका कुमारी, रामकृष्ण किंकर, रिया राज भारती, मनोरंजन कुमार, प्रिया, प्रियरंजन, सौरभ, अभय कुमार, सुजीत कुमार, रोहित कुमार, बेबी प्रिया, अंकिता और स्वाती कुमारी शामिल हैं।
जबकि कक्षा 1 से 5 के अभ्यर्थी मुकेश कुमार, प्रियदर्शी सुंदर संटू कुमार, शायमा प्रवीण, जगजीत कुमार, जितेंद्र चौधरी, निर्भय कुमार, निशु कुमारी और मुकेश शामिल है।
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