चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी अंचल कार्यालय परिसर में पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के तहत राजस्व शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिलाधिकारी ने स्वयं लोगों की समस्याओं को सुना तथा उनसे लिखित आवेदन प्राप्त किया।
इस राजस्व शिविर में कुल 152 आवेदन प्राप्त हुए। अधिकांश मामले परिमार्जन, दाखिल खारिज, एलपीसी, भू लगान रसीद, भू-अर्जन से संबंधित मुआवजा आदि विषयों से संबंधित थे। सभी आवेदनों की कंप्यूटर में प्रविष्टि की गई।
जिलाधिकारी ने इन सभी आवेदनों को नियमानुसार एक माह के अंतर्गत निष्पादित करने का स्पष्ट रूप से निर्देश दिया। परिमार्जन से संबंधित मामलों में यथाशीघ्र कार्रवाई कर निष्पादित करने को कहा गया।
दाखिल खारिज से संबंधित वैसे मामले, जिसे अंचलाधिकारी के स्तर से अस्वीकृत किया गया है, संबंधित आवेदक को नियमानुसार भूमि सुधार उप समाहर्ता के न्यायालय में अपील वाद दायर करने का सलाह दिया गया।
जिलाधिकारी ने रैंडम रूप से 11 आवेदन को चुनकर विषय वस्तु से संबंधित अभिलेख एवं रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इन मामलों से संबंधित अभिलेख एवं रिकॉर्ड की गहन जांच की जाएगी।
जांच में विषय वस्तु से संबंधित समस्या को लेकर अगर कोई कर्मी या पदाधिकारी दोषी पाए जाएंगे तो उनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
शिविर में कुछ लोगों द्वारा राजस्व से अलग अन्य मामलों से संबंधित आवेदन भी दिया गया। जिनके संबंध में संबंधित विभाग के पदाधिकारी को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
राजस्व शिविर में हरनौत विधायक हरि नारायण सिंह ने भी शिरकत किया। मौके पर अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी हिलसा, राजस्व शाखा प्रभारी, अंचलाधिकारी चंडी, अंचल के सभी राजस्व कर्मचारी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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