बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन (MDM) योजना की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश जारी किया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) को निर्देश दिया है कि प्रत्येक विद्यालय में मध्याह्न भोजन के वितरण के बाद एक प्रमाण-पत्र अनिवार्य रूप से तैयार किया जाए। जिस पर प्रधानाध्यापक, प्रधान शिक्षक और सभी उपस्थित शिक्षकों के हस्ताक्षर होंगे।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि फर्जी उपस्थिति और भोजन की गुणवत्ता में लापरवाही रोकने के लिए यह प्रमाण-पत्र बेहद आवश्यक होगा। इस दस्तावेज़ में भोजन की मात्रा, गुणवत्ता और उपस्थित बच्चों की संख्या का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। यदि कोई शिक्षक किसी भी तथ्य से असहमत होता है तो उसे अपनी असहमति दर्ज करने का अधिकार होगा।
स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित मध्याह्न भोजन योजना के संदर्भ में संबंधित विद्यालयों से पूरे माह का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जाएगा, जिसके आधार पर ही भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा सभी विद्यालयों में इस प्रमाण-पत्र को तिथि अनुसार सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।
शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई शिक्षक इस प्रमाण-पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करता है तो उसे अनुपस्थित माना जाएगा।
शिक्षा विभाग ने इस पहल को अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा है कि इसका पालन सुनिश्चित किया जाए ताकि बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना का संपूर्ण लाभ मिल सके। यह प्रमाण-पत्र किसी भी अनियमितता को रोकने के लिए सबसे मजबूत दस्तावेज के रूप में कार्य करेगा।
- अब बेहद रोमांचक होगा राजगीर-कोडरमा रेल सफर, घने जंगलों और सुरंगों से गुजरेगी ट्रेन
- चमकी बुखार को लेकर हाई अलर्ट जारी, ऐसे करें बचाव
- पटना HC का बड़ा फैसला: JE पद के लिए BTech डिग्रीधारी अयोग्य
- बिहार में बनेंगा माडर्न डिजिटल कृषि निदेशालय, जानें खासियत
- बेंच-डेस्क खरीद घोटाला: HM की शिकायत पर DDC ने गठित की जांच टीम