नालंदा दर्पण / मुकेश भारतीय। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) डॉ. एस सिद्धार्थ इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। लेकिन वजह शिक्षा सुधार नहीं, बल्कि उनकी चाय-पान की अदा है। राजधानी पटना के नौबतपुर इलाके में उन्हें फिर से वही पुराना देसी अंदाज अपनाते हुए देखा गया। एक झुग्गी दुकान में ज़मीन पर बैठकर कुल्हड़ में चाय सुड़की और तिलकुट का स्वाद लिया।
अब अगर आप सोच रहे हैं कि यह किसी आम आदमी के संघर्ष की कहानी है तो ज़रा ठहरिए! वीडियो देखने से साफ पता चलता है कि इसे एक बेहतरीन निर्देशन के तहत शूट किया गया है। बाकायदा एंगल सेट किए गए हैं। लाइटिंग का ध्यान रखा गया है और शॉट्स भी फ़िल्मी स्टाइल में हैं। वीडियो पहले मीडिया तक पहुँचा और फिर देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
बस फिर क्या था! जनता ने अपने अंदर का व्यंग्यकार बाहर निकाल लिया। किसी ने लिखा, “इन्हें रील बनाने का नया चस्का लग गया है! शिक्षा को तो ये चाय-बिस्किट की तरह गटक गए!” तो किसी ने व्यंग्य कसा, ‘भाई, चाय के साथ तिलकुट कौन खाता है? यह तो खाने-पीने की संस्कृति का भी अपमान है!’ वहीं, कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि ‘कैमरा हर जगह मौजूद कैसे रहता है? क्या इन्होंने निजी कैमरामैन रख लिया है?’
दरअसल यह पहला मौका नहीं है, जब कोई नौकरशाह जनता से जुड़ने के लिए कैमरे का सहारा ले रहा हो। इससे पहले भी कई अधिकारी ‘ग्राउंड कनेक्ट’ का नाटक करते पकड़े गए हैं। अब ये इमेज बिल्डिंग है या फिर शिक्षा विभाग की विफलताओं से ध्यान भटकाने का तरीका, यह तो वही जानें। लेकिन जनता ने जो राय बना ली है, उसे बदलना मुश्किल है।
बहरहाल शिक्षा विभाग की हालत जिस कदर बदतर है। उस पर चर्चा करने के बजाय चाय और तिलकुट पर बहस हो रही है। शायद यही वजह है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था कुल्हड़ में ही दम तोड़ रही है!
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