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कुंडलपुर महोत्सव की तैयारी में जुटा प्रशासन, 10-11 अप्रैल को होगा भव्य आयोजन

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। कुंडलपुर महोत्सव 2025 की भव्य तैयारियों की शुरुआत हो चुकी है, और प्रशासन इसे सफल बनाने के लिए पूरी तरह जुटा हुआ है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने इस महोत्सव की भव्यता को सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों और आयोजन समिति के सदस्यों को सख्त निर्देश दिए हैं। यह ऐतिहासिक महोत्सव 10 और 11 अप्रैल को होने जा रहा है और इसकी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए सभी विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं।

जिलाधिकारी शुभंकर ने विधि व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के समुचित प्रबंधन को लेकर विशेष दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने उद्घाटन और समापन समारोह के दौरान विशेष आकर्षक कार्यक्रमों का आयोजन सुनिश्चित करने को कहा है। स्टेज निर्माण, आमंत्रण पत्र वितरण और ड्रॉप गेट स्थापना जैसे अहम कार्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है। साथ ही पार्किंग की व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति, और प्रचार-प्रसार के प्रभावी ढंग से संचालन को सुनिश्चित किया जा रहा है।

आयोजन के दौरान स्टॉल निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए विशेष शिविर और रथ यात्रा की व्यवस्थाओं पर भी जोर दिया जा रहा है। ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि महोत्सव स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए पेयजल और स्वच्छ शौचालय सुविधाओं का समुचित प्रबंध होना चाहिए। सफाई व्यवस्था के लिए भी विशेष टीमें गठित की जा रही हैं, जो महोत्सव के दौरान स्थल और इसके आसपास की साफ-सफाई सुनिश्चित करेंगी।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। पुलिस विभाग को भीड़ नियंत्रण और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए विशेष योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। महोत्सव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक-चौबंद होगी। ताकि श्रद्धालु और पर्यटक बिना किसी चिंता के इस सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन का आनंद ले सकें।

बता दें कि कुंडलपुर महोत्सव नालंदा क्षेत्र का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें हर साल हजारों श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं। पिछले वर्ष की सफलता को देखते हुए इस बार महोत्सव को और भी बड़े पैमाने पर आयोजित करने की तैयारी की जा रही है। जिससे यह आयोजन नालंदा जिले के पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों को और अधिक प्रोत्साहन दे सके।

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