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    Friday, April 19, 2024
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      स्कूल बंदी और कड़कती ठंढ के बीच किशोरों का टीकाकरण हुआ धीमा तो रोक दी सभी बीईओ-एचएम का वेतन

      "कोविड वैक्सीन का टीका सरकारी व निजी विद्यालयों के 15 से 18 वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को लगाना है। मौसम की खराबी के कारण टीकाकरण प्रभावित हुआ है। कोरोना को लेकर भी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। जिससे कम संख्या में बच्चे टीका लगवाने के लिए स्कूलों में पहुंच रहे हैं...

      नालंदा दर्पण डेस्क। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव के लिए 3 जनवरी से ही 15 से 18 वर्ष के किशोर और किशोरियों का टीकाकरण शुरू कर दिया गया है। स्कूलों में पढ़ने वाले या आसपास रहने वाले सभी किशोरों को 10 जनवरी तक कोवैक्सीन की पहली डोज लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।

      खबरों के मुताबिक जिले में 2 लाख 23 हजार 589 किशोरों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस अभियान में सभी सरकारी एवं निजी माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ रहे शत प्रतिशत किशोरों को कोरोना का टीका लगाने का आदेश दिया गया था।

      इसके लिए विद्यालयों में टीकाकारण केंद्र निर्धारित किया गया था। लेकिन निर्धारित समय सीमा में लक्ष्य पूरा नही हो सका। डीएम ने इसपर बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने सभी स्कूलों के एचएम और संबंधित प्रखंडो के बीईओ का वेतन बन्द करने का आदेश दिया है।

      खबरों के अनुसार विद्यालय में अनामांकित किशोरों का टीका नहीं लगता है तो उसके कारणों की रिपोर्ट बना कर विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया था। इस संबंध में सभी एचएम को प्रतिदिन रिपोर्ट डीईओ के व्हाट्सएप नंबर 8544411662 पर भेजने को कहा गया था।

      इसकी जब डीएम ने समीक्षा की तो शत प्रतिशत टीकाकरण नही होने की बात सामने आई। डीएम ने इसपर नाराजगी भी जाहिर की है।

      डीईओ केशव प्रसाद मानें तो हाई स्कूलों में किशोरों के टीकाकरण की धीमी रफ़्तार को लेकर डीएम ने असंतोष जताया और सभी एच एम को अपने-अपने विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का अविलंब शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा गया।

      बकौल डीईओ, डीएम के आदेश पर तत्काल प्रभाव से शत प्रतिशत टीकाकरण होने तक सभी बीईओ और एचएम के वेतन को रोक दिया गया है।

      उधर, सरकारी विद्यालयों के एचएम की मानें तो विद्यालय बंद रहने के कारण छात्र नहीं पहुंच रहे है। 12 वीं कक्षा के छात्रों के प्रैक्टिकल परीक्षा ली जा रही है। साथ ही उन्हें बिना टीका के एडमिट कार्ड नहीं दिया जा रहा है। जबकि दसवीं के छात्र-छात्राएं के विद्यालय नहीं आने के कारण टीकाकरण से वंचित है।

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