“इन सख्त निर्देशों के बाद बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। समर्पित शिक्षक इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। जबकि लापरवाह शिक्षकों में भय का माहौल है…
बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी किए गए नए निर्देशों ने शिक्षा क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। खासकर वे शिक्षक जो कार्य में कोताही और उपस्थिति में फर्जीवाड़ा करते हैं, वे नए निर्देशों से सकते में हैं।
अपर मुख्य सचिव ने विद्यालयों के गुप्त निरीक्षण के दौरान सामने आई चौंकाने वाली जानकारियों को साझा किया। उनके अनुसार जहां कुछ समर्पित शिक्षकों के प्रयासों से विद्यालयों में सुधार हुआ है। वहीं कई लापरवाह शिक्षकों की वजह से शिक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियां उजागर हुई हैं।
निरीक्षण में पाया गया कि कई विद्यालयों में प्रधानाध्यापक और शिक्षक फर्जी उपस्थिति बना रहे हैं। वे दिखाते हैं कि विद्यालय में 50 प्रतिशत से अधिक छात्र उपस्थित हैं। जबकि हकीकत में उपस्थिति 50 प्रतिशत से भी कम रहती है।
कुछ स्कूलों में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का नामांकन है। लेकिन वास्तविक उपस्थिति काफी कम है। इसके अलावा, दोहरे नामांकन वाले छात्रों की जानकारी भी सामने आई है। कई शिक्षक केवल उपस्थिति दर्ज करने के लिए विद्यालय आते हैं और कक्षा संचालन में उनकी कोई रुचि नहीं होती।
अपर मुख्य सचिव ने शिक्षकों की इस लापरवाही को शिक्षा व्यवस्था में ‘धोखाधड़ी’ करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विद्यालय संचालन में लापरवाही और निरीक्षण में त्रुटि स्वीकार्य नहीं होगी।
शिक्षा विभाग ने संकेत दिए हैं कि लापरवाह शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फर्जी उपस्थिति बनाने वाले और निरीक्षण प्रक्रिया को अनदेखा करने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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