Constable Recruitment Exam: फर्जी बॉयोमेटिक कर्मी ने रचा बड़ा खेल, सॉल्वर गैंग के 15 लोग धराए

नालंदा दर्पण डेस्क। बीते 20 जुलाई को आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा (Constable Recruitment Exam) के दौरान पुलिस ने एक बड़े नकल रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में शेखपुरा पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें ज्यादातर फर्जी बायोमेट्रिक ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले शामिल हैं। इस रैकेट ने परीक्षा में धांधली करने के लिए सुनियोजित तरीके से सेटिंग की थी, जिसमें बायोमेट्रिक सिस्टम को हेरफेर कर गलत पहचान के आधार पर नकल कराने की साजिश रची गई थी।
शेखपुरा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बलिराम कुमार चौधरी ने बताया कि बायोमेट्रिक कार्यों का जिम्मा हैदराबाद की कंपनी सायनासोर को सौंपा गया था। यह कंपनी स्थानीय और बाहरी युवाओं को बायोमेट्रिक ऑपरेशन के लिए हायर करती है।
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस को जानकारी मिली थी कि इस्लामियां उच्च विद्यालय में बायोमेट्रिक ऑपरेटरों की मिलीभगत से परीक्षा में नकल कराई जा रही है। इस सूचना के आधार पर एसडीपीओ डॉ. राकेश कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने सभी परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक ऑपरेटरों की जांच शुरू की।
जांच के दौरान इस्लामियां उच्च विद्यालय में एक बायोमेट्रिक ऑपरेटर चिंटू कुमार पकड़ा गया, जो फर्जी आईडी कार्ड के साथ सचिन कुमार की जगह काम कर रहा था। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि उसी केंद्र पर एक अन्य ऑपरेटर, सिकंदर कुमार भी इस साजिश में शामिल था। सिकंदर भी फर्जी पहचान पत्र के साथ बायोमेट्रिक कार्य कर रहा था, जबकि असली ऑपरेटर किसी अन्य केंद्र पर सेटिंग में शामिल था।
पुलिस की गहन पूछताछ में पता चला कि बरबीघा के प्रहलाद कुमार और नवादा के गोरेलाल यादव इस रैकेट के मुख्य मास्टरमाइंड थे। इस गिरोह ने बायोमेट्रिक ऑपरेटरों और सुपरवाइजरों के जरिए सभी परीक्षा केंद्रों पर नकल की योजना बनाई थी। पुलिस ने इस गिरोह के 18 सदस्यों को चिह्नित किया, जिनमें से 13 ऑपरेटरों और 2 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों के पास से 12 मोबाइल फोन, 4 फर्जी आधार कार्ड, फर्जी बायोमेट्रिक ऑपरेटर और सुपरवाइजर के पहचान पत्र, परीक्षार्थियों के नाम और रोल नंबर से संबंधित पर्चियां बरामद की गई हैं। इसके अलावा गंजी और चप्पल में छिपाकर परीक्षा केंद्रों में ले जाए गए वॉकी-टॉकी भी जब्त किए गए हैं।
इस बीच पटना जिले में भी एक अन्य नकल रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पूर्वी एसपी परिचय कुमार ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार प्रकाश कुमार पटेल और सुबोध यादव की निशानदेही पर अगमकुआं थाना क्षेत्र के कुम्हरार में अभिषेक की इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर छापेमारी की गई। इस दुकान में वॉकी-टॉकी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तैयार किए जाते थे, जिन्हें गंजी, चप्पल और अन्य सामानों में छिपाकर परीक्षा केंद्रों में ले जाया जाता था।
छापेमारी में कई वॉकी-टॉकी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किए गए। अभिषेक ने पूछताछ में गर्दनीबाग में किराए के मकान में रहने वाले विपिन बिहारी का नाम बताया। विपिन के ठिकाने पर छापेमारी में कई परीक्षार्थियों के मूल दस्तावेज और वॉकी-टॉकी बरामद किए गए।
पटना में गिरफ्तार तीन शातिरों में समस्तीपुर के पटौरी थाना क्षेत्र के भौआ निवासी 29 वर्षीय विपिन बिहारी, अगमकुआं के कुम्हरार निवासी 42 वर्षीय अभिषेक कुमार और गर्दनीबाग के चितकोहरा निवासी 23 वर्षीय राहुल कुमार शामिल हैं।
पूर्वी एसपी ने बताया कि बरामद दस्तावेजों को सभी सरकारी परीक्षा एजेंसियों को भेजा जाएगा, ताकि बीते और आगामी परीक्षाओं में इनकी जांच की जा सके। साथ ही जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और पूछताछ की जाएगी कि उनके मूल दस्तावेज इस रैकेट तक कैसे पहुंचे।
यह घटना एक बार फिर सरकारी परीक्षाओं में नकल और धांधली की गंभीर समस्या को उजागर करती है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने इस रैकेट को बेनकाब किया, लेकिन यह सवाल उठता है कि ऐसी सेटिंग्स को रोकने के लिए और क्या कदम उठाए जाने चाहिए। बायोमेट्रिक सिस्टम पर निर्भरता बढ़ने के बावजूद इस तरह की धांधली चिंता का विषय है।









