29.2 C
Bihār Sharīf
Wednesday, September 27, 2023
अन्य

    घातक है डीजे के कान फाड़ू द्विअर्थी अश्लील गीतों का बढ़ता प्रचलन

    "डीजे साउंड का इतना प्रचलन बढ़ गया है कि शादी विवाह हो या पूजा, मुंडन या कोई धार्मिक उत्सव में धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।

    बेन (रामावतार)। बेन प्रखंड क्षेत्र में डीजे के कान फाड़ू आवाज और द्विअर्थी अश्लील गीतों का प्रचलन काफी बढ़ता नजर आ रहा है।  जिसके कारण आमलोगों को कभी-कभी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

    लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण कानून भी है या नहीं। यह कानून निष्प्रभावी हो गया है। कानूनों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ रही है। फिर भी अधिकारी मौन क्यों ?

    डीजे साउंड का इतना प्रचलन बढ़ गया है कि शादी विवाह हो या पूजा, मुंडन या कोई धार्मिक उत्सव में धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।

    आलम यह हो गया है कि गांव की गलियों में भी डीजे के धुन पर ग्रामीण महिलाएं, युवतियाँ एवं युवकों को झुमना आम नजारा बन गया है। युवाओं को संगीत की जगह तेज आवाज एवं द्विअर्थी अश्लील गीतों से मतलब होता है।

    यही वजह है कि बारात में बड़े बुजुर्गों की संख्या घटती जा रही है। वहीं डीजे साउंड के कान फाड़ू आवाज से ह्रदय और मन को भी रोगी बना देती है। ऊपर से फूहर द्विअर्थी गीत अप संस्कृति और अश्लीलता व अपराध को बढ़ावा दे रहा है।

    तेजी से बढ़ता ध्वनि प्रदूषण से बहरेपन व ह्रदय रोगियों के लिए घातक हो सकती है। जबकि ध्वनि विस्तारक यंत्र बिना अनुमति बजाना कानूनी अपराध की श्रेणी में आता है।

    मजे की बात तो यह भी है डीजे के कान फाड़ू आवाज और द्विअर्थी अश्लील गीत प्रशासन के नजरों के सामने बज रहे होते हैं।