नालंदा दर्पण डेस्क। मारपीट व छिनतई के आरोपी किशोर की पढ़ाई और भविष्य को देखते हुए किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने उसे दोषमुक्त कर दिया है।
किशोर इंजीनियरिंग का छात्र है। साथ ही इस आदेश की कॉपी एसपी को भी भेजी गई है। ताकि किशोर के आचरण प्रमाण पत्र में इस आपराधिक कार्यवाही का उल्लेख न हो। आरोपी किशोर ने वर्ष 2020 में सीबीएससी बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा पास की है।
फिलहाल वह हरियाणा स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन पंचकुला से इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग ट्रेड से डिप्लोमा कर रहा है। 78 प्रतिशत अंक से उसने फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा पास की है। 15 दिसम्बर से सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षा देगा।
किशोर ने जेजेबी से गुहार लगायी थी कि इसके अलावा उस पर कोई दूसरा मुकदमा नहीं है। इस आपराधिक मुकदमे के कारण उसकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कोविड महामारी को लेकर आने-जाने में भी समस्या हो रही है। आर्थिक और मानसिक परेशानी का असर पढ़ाई पर पड़ रहा है।
उसने आगे पढ़ाई कर इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर करते हुए दोषमुक्त करने की गुहार लगायी थी। जिसे जेजेबी ने स्वीकार कर उसके सर्वोत्तम हित को देखते हुए आगे की जांच की कार्रवाई बंद करते हुए दोषमुक्त किया।
किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार किशोर संबंधी मामले का निष्पादन बोर्ड के समक्ष बालक के प्रथम बार पेश करने की तिथि से चार माह की अवधि के अंदर पूरी करने का प्रावधान है। 4 अगस्त 21 को पहली बार बोर्ड में पेश किया गया था।
16 सितम्बर 21 को संज्ञान और सारांश सुनाया गया। जांच प्रक्रिया शुरू हुए करीब पांच माह बीत चुके हैं। घटना के समय किशोर की उम्र करीब 17 वर्ष 7 माह थी। न्यायालय आते-जाते वह व्यस्क हो चुका था।
जांच प्रक्रिया शुरू हुए करीब पांच माह बीत चुके थे। साथ ही इस मामले में सूचिका और उसके पति ने सुलहनामा आवेदन भी दाखिल कर रखा था। करीब 3 तारीख पर कोई साक्षी भी बोर्ड में उपस्थित नहीं हुआ।