बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में तीन साल पहले हुए लोदीपुर हत्याकांड में कोर्ट ने 15 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुना दी है।
यह मामला साल 2021 का है। जब छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर में एक जमीनी विवाद के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
घटना का विवरणः 4 अगस्त 2021 को नालंदा जिले के लोदीपुर गांव में 50 बीघा जमीन को लेकर दो परिवारों के बीच सालों से चला आ रहा विवाद खून-खराबे में बदल गया। एक पक्ष विवादित जमीन को जोतने की कोशिश कर रहा था।
तभी दूसरे पक्ष ने गोलीबारी कर दी। इस गोलीबारी में 60 वर्षीय यदुनंदन यादव और उनके दो बेटे, पिंटू यादव और मधेश यादव के साथ-साथ परशुराम यादव के बेटे धीरेंद्र यादव और शिवेन्द्र यादव की मौके पर ही मौत हो गई। इस गोलीबारी में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
पुलिस और कानूनी कार्रवाईः घटना के बाद नालंदा पुलिस में हड़कंप मच गया था और तत्काल पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। मृतकों के परिजनों के बयान के आधार पर छबीलापुर थाने में मामला दर्ज हुआ और पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की।
इस मामले में 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जिनमें से दो आरोपियों के नाबालिग होने की वजह से उनका मामला किशोर न्याय परिषद में विचाराधीन है।
कोर्ट का फैसलाः 27 सितंबर 2024 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-3 अखौरी अभिषेक सहाय की कोर्ट ने भोला यादव, राजकुमार यादव समेत 15 आरोपियों को दोषी करार दिया। आज बिहारशरीफ कोर्ट ने इन सभी दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई, जिससे मृतकों के परिजनों को थोड़ी राहत मिली है।
बता दें कि इस हत्याकांड ने नालंदा में जमीनी विवाद से होने वाले हिंसक अपराधों की ओर एक गंभीर संकेत दिया था। हालांकि दोषियों को सजा मिली है। परंतु इस घटना ने समाज में लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवादों के कारण हो रही हिंसा पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है।
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