चंडी (नालंदा दर्पण)। चंडी प्रखंड का माधोपुर चौक वर्षों से दुर्घटना चौक बना हुआ है। आएं दिन यहां भयंकर दुर्घटनाएं होती रहती है। माधोपुर चौक के पास तीनमुहानी सड़क की बनावट ऐसी है कि दुर्घटना हर हाल में होनी ही है।
यहां पर दो सड़क मार्ग जुड़ती है। पहला एस एच 78 दूसरा एन एच 431,जो कि दनियावां-बिहारशरीफ मार्ग को दोनों ओर से जोड़ती है। सड़क के किनारे एक मैरिज हाल है, जिसकी बनाबट की वजह से भी वाहन चालक धोखा खा जाते है।
माधोपुर की तरफ से तेज गति से आ रही वाहन नहीं दिखती है और ऐसा ही दूसरी तरफ मामले में भी दिखता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से भी यहां पर कोई दिशा निर्देश संकेत नहीं दिया गया है।
माधोपुर चौक के पास आएं दिन हो रही दुर्घटना को लेकर स्थानीय दस्तूर पर निवासी उपेंद्र प्रसाद सिंह ने दो तीन माह पूर्व पीएमओ को जनशिकायत पत्र भेजकर यहां पर डिवाइडर लगाने की मांग की थी।
उन्होंने पीएमओ को लिखें पत्र में कहा कि एन एच 431 फतुहा चंडी सड़क मार्ग में एक मैरिज हाल के पास आएं दिन दुर्घटना होते रहती है। यह सड़क तीनमुहान है। बगल में जैतीपुर है जो पटना को जोड़ती है।
जैतीपुर से एन एच 431 से गुजरने वाली वाहन बाएं तरफ चले,जिसके लिए रोड में दो फीट ऊंची दीवार लगाकर रोड डिवाइडर बनाया जाएं। साथ में जो वाहन एस एच 78 से जैतीपुर की ओर से पटना जाने के लिए एन एच 431 पकड़ती है, उसके लिए सड़क पर 500 फीट तक रोड डिवाइडर का लेन बनाया जाना चाहिए। ताकि आमने-सामने कोई वाहन न टकराये।
हालांकि उपेंद्र प्रसाद सिंह की यह जनहित शिकायत को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय पदाधिकारी को सौंप दिया गया है। जिसपर फिलहाल कोई एक्शन नहीं ली गई है।
बताते चलें कि यह मार्ग कभी एन एच 30ए के नाम से जाना जाता था। जब वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र में भूतल परिवहन मंत्री हुआ करते थे तो फतुहा से चंडी-हरनौत मार्ग को एन एच 30ए का दर्जा दिया था। जिसे कुछ साल पहले बिहटा सरमेरा पथ निर्माण में एन एच 431 का नाम दे दिया गया है।
स्थानीय कई वाहन चालकों ने बताया कि मैरिज हाल की वजह से वाहन और वाहन की गति पता ही नहीं चलती है। जब सड़क ज्यादा व्यस्त रहती है, तब ऐसे में दुर्घटना की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में उपेंद्र प्रसाद सिंह की शिकायत पर विभाग और पदाधिकारियों को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए।
उपेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सड़क हादसे में मरने पर सरकार चार लाख की मुआवजा राशि देती है। लेकिन सड़क हादसे रोकने पर कोई उपाय नहीं करतीं हैं।
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