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    Saturday, December 21, 2024
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      इस्लामपुर में गर्व से मना शहीद प्रमोद का 27वां शहादत दिवस

      इस्लामपुर (नालंदा दर्पण)। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए 300 से अधिक आतंकियों को ढेर कर शहीद हुए वीर योद्धा प्रमोद कुमार सिंहा का 27वां शहादत दिवस इस्लामपुर नगर में बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया।

      कार्यक्रम का आयोजन प्रमोद एचपी गैस एजेंसी के गोदाम परिसर में किया गया, जहां उनकी प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा का अनावरण वर्ष 2004 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था, जब वे केंद्र सरकार में रेल राज्य मंत्री थे।

      शहीद की बहादुरी को किया गया यादः शहीद प्रमोद कुमार सिंहा ने भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हुए ऑपरेशन रक्षक के दौरान अदम्य साहस का परिचय दिया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ करते हुए उन्होंने 300 से अधिक आतंकियों को मार गिराया, जिससे उनकी वीरता की गाथा अमर हो गई। इस अवसर पर शहीद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

      प्रमुख अतिथियों की उपस्थितिः कार्यक्रम में पूर्व विधायक चंद्रसेन प्रसाद, सुमन पटेल, मुकेश कुमार सिंहा, लक्ष्मीचंद चौरसिया, रंजय मालाकार, संजय कुमार, वीरेंद्र राम, शैलेंद्र कुमार, अनुज कुमार, सर्वेश कुमार, वीरेंद्र कुमार और रीतेश गांधी जैसे गणमान्य लोग उपस्थित थे। इन सभी ने शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए और देश के प्रति उनके बलिदान को नमन किया।

      शहीद की प्रतिमा का महत्वः इस प्रतिमा का अनावरण 2004 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया गया था, जो प्रमोद कुमार सिंहा की बहादुरी और बलिदान को स्मरणीय बनाने के उद्देश्य से स्थापित की गई थी। यह प्रतिमा न केवल शहीद के अद्वितीय साहस की याद दिलाती है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करती है कि वे देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए सदैव तत्पर रहें।

      विरासत को जीवित रखने का संकल्पः इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि शहीद प्रमोद कुमार सिंहा का बलिदान हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी बहादुरी और राष्ट्र के प्रति समर्पण को सदैव याद रखा जाएगा।

      उपस्थित लोगों ने इस शहादत दिवस को शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन बताया और कहा कि देश की सुरक्षा के लिए दिए गए उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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