नालंदा DM ने PHC और अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के बाद डीएम ने करायपरसुराय अंचल कार्यालय का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कार्यालय के रिकॉर्ड्स, कर्मचारियों की उपस्थिति और जनता को दी जा रही सेवाओं की स्थिति का जायजा लिया।

हिलसा (नालंदा दर्पण)। नालंदा के नए जिलाधिकारी (DM) कुंदन कुमार ने पदभार संभालते ही जिले में प्रशासनिक और स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है। अपने कड़े और पारदर्शी कार्यशैली के लिए जाने जाने वाले डीएम ने जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों में औचक निरीक्षण का सिलसिला फिर से शुरू किया है।
इसी कड़ी में करायपरसुराय प्रखंड में उनके निर्धारित भ्रमण कार्यक्रम के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं, कार्यप्रणाली, और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की।
डीएम कुंदन कुमार ने करायपरसुराय के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया, जहां उन्होंने उपस्थिति पंजी, दवा भंडार और अन्य रिकॉर्ड्स की गहन जांच की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र की कार्यप्रणाली में कई सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से ड्यूटी लिस्ट और सर्वे रजिस्टर को और अधिक व्यवस्थित और अपडेट करने पर जोर दिया।
डीएम ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी मामलों को चिन्हित करने और उन्हें संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए। साथ ही उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गर्भवती महिलाओं को समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों।
अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ. श्रीनिवास ने डीएम को बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में कोई भी दवा एक्सपायर्ड नहीं है और ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) एवं आईपीडी (इन पेशेंट डिपार्टमेंट) के मरीजों को सभी आवश्यक दवाएं समय पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
डीएम ने दवा भंडार की स्थिति की भी जांच की और स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता में निरंतर सुधार के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि आम जनता को बेहतर और समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के बाद डीएम ने करायपरसुराय अंचल कार्यालय का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कार्यालय के रिकॉर्ड्स, कर्मचारियों की उपस्थिति और जनता को दी जा रही सेवाओं की स्थिति का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान एक छात्र ने डीएम से मुलाकात की और बताया कि उसे सरकारी सेवा में योगदान के लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता है। डीएम ने छात्र की बात ध्यान से सुनी और तुरंत संबंधित अधिकारियों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने छात्र का उत्साहवर्धन करते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
डीएम ने अंचल कार्यालय के कर्मचारियों को पारदर्शिता और त्वरित सेवा प्रदान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं का त्वरित निपटारा प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। कार्यालय में लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी आवेदनों का निपटारा समयबद्ध तरीके से किया जाए।
डीएम कुंदन कुमार के इस औचक निरीक्षण से करायपरसुराय प्रखंड के अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने डीएम की इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे सरकारी कार्यालयों और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
एक स्थानीय निवासी रामप्रसाद ने कहा कि डीएम साहब का यह कदम स्वागत योग्य है। इससे न केवल सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि आम लोगों का प्रशासन पर भरोसा भी बढ़ेगा।
डीएम ने स्पष्ट किया कि यह निरीक्षण अभियान निरंतर जारी रहेगा और जिले के सभी प्रखंडों में सरकारी कार्यालयों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य नालंदा जिले को प्रशासनिक और स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में एक मॉडल जिला बनाना है।
डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि वे जल्द ही जिले के अन्य प्रखंडों में भी इसी तरह के औचक निरीक्षण करेंगे। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने की योजना पर भी काम शुरू करने की बात कही। इससे न केवल सेवाओं में पारदर्शिता आएगी, बल्कि आम लोगों को घर बैठे कई सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।









