Home नालंदा सरकारी स्कूलों में स्काउट और गाइड गठन को लेकर फिसड्डी है नालंदा

सरकारी स्कूलों में स्काउट और गाइड गठन को लेकर फिसड्डी है नालंदा

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Nalanda is lagging behind in the formation of scouts and guides in government schools
Nalanda is lagging behind in the formation of scouts and guides in government schools

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। स्काउट और गाइड का गठन न सिर्फ बच्चों के व्यक्तित्व विकास में सहायक होता है। बल्कि यह छात्रों में नेतृत्व कौशल, अनुशासन और सामूहिक कार्य की भावना को भी बढ़ावा देता है। यह संगठन शिक्षा का अहम हिस्सा बनकर छात्रों को जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों और सिद्धांतों से अवगत कराता है, जो उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक बनाने में सहायक होते हैं।

हालांकि, नालंदा जिले में स्काउट और गाइड के संगठन की स्थापना अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई है। जिले के सिर्फ 31 स्कूलों में ही यह प्रणाली कार्यरत है। यह संख्या जिले के कुल स्कूलों के मुकाबले काफी कम है। जबकि शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार जिले के सभी विद्यालयों में स्काउट और गाइड की स्थापना करना अनिवार्य है।

स्काउट और गाइड की गतिविधियों में बच्चों को टीम वर्क, जीवन कौशल और सामुदायिक सेवा जैसे महत्वपूर्ण तत्व सिखाए जाते हैं। कैंपिंग और अन्य गतिविधियों के जरिए छात्रों का शारीरिक और मानसिक विकास होता है और यह उन्हें आपातकालीन स्थितियों में भी मदद करने की क्षमता प्रदान करता है। इसके अलावा सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और सहानुभूति जैसे मूल्य बच्चों में उत्पन्न होते हैं, जो उनके व्यक्तिगत जीवन में स्थायित्व लाते हैं।

शिक्षा विभाग के अनुसार यह संगठन छात्रों के चरित्र निर्माण और नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विभाग का कहना है कि जिले के सभी स्कूलों में इस प्रणाली की स्थापना की दिशा में शीघ्र कार्यवाही की जाएगी। आशा है कि जल्द ही जिले के अधिकांश विद्यालयों में स्काउट और गाइड के गठन से बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा और जिले में इस संस्था का महत्व बढ़ेगा।

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