“गणित केवल एक विषय नहीं, बल्कि जीवन का मार्गदर्शक है। वैदिक गणित पर प्रस्तावित पाठ्यक्रम से आधुनिक और प्राचीन गणितीय विधियों के बीच एक सेतु बनने की उम्मीद है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी…
सिलाव (नालंदा दर्पण)। नालंदा खुला विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय गणित दिवस के अवसर पर एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय कुमार ने की और गणित के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गणित हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। यह न केवल हमारी दैनिक जरूरतों को सरल बनाता है, बल्कि हमारे ज्ञान और विज्ञान को भी पूर्णता प्रदान करता है।
उन्होंने आगे बताया कि नालंदा खुला विश्वविद्यालय जल्द ही वैदिक गणित पर एक सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करने की दिशा में कार्य कर रहा है। यह कोर्स छात्रों और शिक्षकों के बीच प्राचीन भारतीय गणितीय विधियों के प्रति रुचि को बढ़ावा देगा।
कुलसचिव डॉ. समीर कुमार शर्मा ने नयी शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि वैदिक गणित पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए जो भी कदम आवश्यक होंगे। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर उठाया जाएगा। यह कदम छात्रों के लिए गणित को और अधिक रोचक और सरल बनाने में सहायक होगा।
विशिष्ट अतिथि और भारतीय शिक्षा समिति के सदस्य रामचंद्र आर्य ने गणित के ऐतिहासिक और वैज्ञानिक महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ग्रहों, नक्षत्रों और खगोलीय घटनाओं को समझने में गणित का योगदान अतुलनीय है। यह विज्ञान और खगोलशास्त्र का आधार है।
संगोष्ठी के दौरान मंच संचालन डॉ. संगीता कुमारी ने किया। जबकि अतिथियों का स्वागत डॉ. मीना कुमारी ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों और गणमान्य व्यक्तियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
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