“इस तरह के मॉकड्रिल से न केवल सुरक्षा तैयारियां मजबूत होती हैं। बल्कि पर्यटकों का भरोसा भी बढ़ता है। राजगीर रोपवे प्रबंधन और NDRF टीम की यह पहल सराहनीय है और अन्य पर्यटन स्थलों के लिए भी एक प्रेरणा है…
राजगीर (नालंदा दर्पण)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर के प्रसिद्ध रोपवे पर अचानक NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीम के पहुंचने से पर्यटकों में अफरा-तफरी मच गई। हर कोई सोचने लगा कि आखिर क्या हुआ। लेकिन जब पूरी घटना की सच्चाई सामने आई तो सभी ने राहत की सांस ली। दरअसल यह हड़कंप एक सुनियोजित मॉकड्रिल (अभ्यास) का हिस्सा था। जिसे पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोजित किया गया था।
रोपवे प्रबंधन और जिला प्रशासन ने यह मॉकड्रिल पर्यटन सीजन में बढ़ती भीड़ को देखते हुए आयोजित किया था। इस अभ्यास का उद्देश्य था कि अगर कभी रोपवे संचालन में तकनीकी खराबी आए और केबिन में पर्यटक फंस जाएं तो उन्हें सुरक्षित कैसे बाहर निकाला जाए। यह मॉकड्रिल रोपवे मैनेजर दीपक कुमार और राजस्व पदाधिकारी अनुज कुमार की देखरेख में आयोजित की गई।
NDRF टीम ने प्रतीकात्मक रूप से रोपवे के केबिन में फंसे पर्यटकों को काफी ऊंचाई से बचाने का अभ्यास किया। टीम ने विशेष उपकरणों और तकनीकी कुशलता का प्रदर्शन करते हुए 4 पर्यटकों को सुरक्षित निकालकर दिखाया। इस दौरान रोपवे मैनेजर ने बताया कि यह मॉकड्रिल इसलिए जरूरी है। ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में पर्यटकों को सुरक्षित निकालने में देरी न हो।
इस मॉकड्रिल का नेतृत्व NDRF के असिस्टेंट कमांडेंट संतोष पठानिया ने किया। उनकी टीम में निरीक्षक गजेंद्र सिंह, उप निरीक्षक रवि रंजन सहित 26 सदस्यों ने हिस्सा लिया। टीम ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी संभावित आपदा के दौरान कार्रवाई कैसे की जाए।
मॉकड्रिल देखने वाले पर्यटकों ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे अभ्यास से उन्हें यात्रा के दौरान सुरक्षा का भरोसा मिलता है। साथ ही यह कार्यक्रम रोपवे के प्रति उनका विश्वास और आनंद बढ़ाने में सहायक है।
रोपवे प्रबंधन ने बताया कि इस तरह के अभ्यास नियमित रूप से किए जाते हैं। तकनीकी हेड रोहित कुमार ने कहा कि रोपवे संचालन में सुरक्षा सर्वोपरि है। जिला प्रशासन के अधिकारी अनुज कुमार ने भी मॉकड्रिल को सफल बताया और कहा कि यह अभ्यास भविष्य में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
रोपवे प्रबंधन ने पर्यटकों से अपील की है कि वे बिना किसी डर के रोपवे का आनंद लें। हर प्रकार की तकनीकी और आपातकालीन तैयारी पूरी है। यह अभ्यास इस बात का प्रमाण है कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
- BPSC TRE-3: 16,970 शिक्षकों की बहाली के लिए 15,250 अभ्यर्थी ही हुए सफल !
- किसान बन्धु ध्यान दें, डकहा-लंगड़ी रोग से बचाव के लिए मुफ्त टीकाकरण शुरू
- पावापुरी पद्म सरोवर: प्रवासी पक्षियों और अध्यात्म का बना अद्भुत संगम
- बिहारशरीफः वायु प्रदूषण नियंत्रण ने बना रहा रिकार्ड, नगर निगम नाकाम
- राजगीर महोत्सवः बिहार की संस्कृति और महिला सशक्तीकरण का दिखेगा अद्भुत संगम