बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत छात्रों के परीक्षा तनाव को कम करने के उद्देश्य से सीबीएसई (CBSE) ने अपने परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। अब शैक्षणिक सत्र 2025-26 से सीबीएसई की 10वीं (X)और 12वीं (XII) की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी।
बोर्ड के अनुसार इस योजना को लागू करने से पहले अभिभावकों, शिक्षकों, छात्रों और शिक्षाविदों के सुझाव लिए जाएंगे। इसके लिए 24 फरवरी तक मसौदा सार्वजनिक किया जाएगा। जिसमें प्राप्त सुझावों के आधार पर अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी। सीबीएसई का नया सत्र इसी अप्रैल से शुरू होगा। इसी के आसपास बोर्ड द्वारा साल में दो बार परीक्षा कराने की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
सीबीएसई अधिकारियों के अनुसार छात्रों को बेहतर तैयारी का मौका देने के लिए यह नई परीक्षा प्रणाली लागू की जा रही है। इस बदलाव के तहत छात्र साल में दो बार परीक्षा दे सकेंगे। बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें दोनों परीक्षाओं में बैठने का विकल्प मिलेगा। उच्चतम अंक वाली परीक्षा का ही परिणाम अंतिम मार्कशीट में जोड़ा जाएगा। इससे छात्रों पर परीक्षा का मानसिक दबाव कम होगा और वे अपनी पढ़ाई को अधिक सहजता से समझ सकेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा कि सरकार छात्रों के लिए तनाव मुक्त शिक्षण वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि परीक्षा प्रणाली में यह सुधार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विषय पर स्कूल शिक्षा सचिव, सीबीएसई अध्यक्ष और शिक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से छात्रों को दो मौके मिलेंगे। जिससे फेल होने का डर कम होगा। परिणाम में सुधार की संभावना बढ़ेगी। कॉम्पिटिटिव परीक्षाओं के लिए छात्रों की तैयारी बेहतर होगी। शिक्षकों और अभिभावकों पर भी पढ़ाई को लेकर कम दबाव पड़ेगा।
कई छात्रों ने इस बदलाव को सकारात्मक बताया है। 10वीं कक्षा के छात्र अनिकेत शर्मा का कहना है कि यह प्रणाली छात्रों को बिना तनाव के परीक्षा देने में मदद करेगी। वहीं एक अभिभावक ने कहा कि बच्चों पर एक ही परीक्षा में अच्छे अंक लाने का दबाव बहुत ज्यादा होता था। लेकिन अब उन्हें दो मौके मिलेंगे। जिससे वे बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
सीबीएसई जल्द ही आधिकारिक अधिसूचना जारी कर इस नए परीक्षा पैटर्न के लागू होने की तिथि घोषित करेगा। साथ ही, परीक्षा प्रणाली में और कौन-कौन से बदलाव किए जाएंगे। इस पर भी विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
सीबीएसई द्वारा किया गया यह बदलाव छात्रों के भविष्य को संवारने और उनके मानसिक तनाव को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। अब देखना यह होगा कि इस नई परीक्षा प्रणाली को लेकर छात्रों और शिक्षकों का क्या रुख रहता है और इसमें कितनी सफलताएं मिलती हैं।
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