Patna Vigilance Bureau: नियोजित शिक्षक नियुक्ति फर्जीवाड़ा में चंडी अव्वल

चंडी (नालंदा दर्पण)। पटना निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Patna Vigilance Bureau) ने पंचायती राज संस्था के तहत नियोजित 16 शिक्षकों को उनके प्रमाणपत्रों की सत्यता जांच के लिए नोटिस जारी किया है। इनमें से सर्वाधिक 9 शिक्षक चंडी प्रखंड से हैं, जो इस क्षेत्र में प्रमाणपत्रों से संबंधित गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा करता है। जोकि न केवल चंडी क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि अन्य शिक्षकों के बीच भी असमंजस और चिंता की स्थिति पैदा कर दी है।
निगरानी ब्यूरो के इस कदम से चंडी प्रखंड में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों का संकेत मिलता है। डीपीओ स्थापना आनंद शंकर ने बताया कि शिक्षा विभाग ने प्रमाणपत्रों की सत्यता को लेकर सख्त रुख अपनाया है।
विभाग ने संकेत दिया है कि भविष्य में दस्तावेजों की जांच और भी कड़ाई से की जाएगी। इसके लिए थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन को अनिवार्य करने की योजना है, ताकि इस तरह की अनियमितताओं को पूरी तरह रोका जा सके।
निगरानी ब्यूरो द्वारा नोटिस प्राप्त करने वाले शिक्षकों की सूची इस प्रकार है:
- राजीव कुमार, उच्च माध्यमिक विद्यालय, डीहरा, चंडी।
- ओमशंकर सिंह, उच्च माध्यमिक विद्यालय, गोनकुरा, चंडी।
- राधा, प्राथमिक विद्यालय, लक्ष्मी बिगहा, सालेहपुर, चंडी।
- स्वीटी कुमारी, प्राथमिक विद्यालय, भगवानपुर, चंडी।
- कुमारी अनीता राज, मध्य विद्यालय, बदरवाली, चंडी।
- रेखा, मध्य विद्यालय, बदरवाली, चंडी।
- विद्यार्थी कुमार, मध्य विद्यालय, अमरौरा, चंडी।
- रणजीत कुमार, उच्च माध्यमिक विद्यालय, महकार, चंडी।
- अखिलेश कुमार, मध्य विद्यालय, नरसंडा, चंडी।
चंडी प्रखंड में सामने आई यह स्थिति शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाती है। स्थानीय अभिभावकों और छात्रों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि ऐसी अनियमितताओं के कारण शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। डीपीओ आनंद शंकर ने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि केवल योग्य और सत्यापित शिक्षक ही शिक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनें। थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
बहरहाल, निगरानी ब्यूरो ने संबंधित शिक्षकों को अपने दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है। जांच के परिणामस्वरूप यदि प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए तो संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने अन्य प्रखंडों में भी इसी तरह की जांच शुरू करने का संकेत दिया है।









