चंडी (नालंदा दर्पण)। “कहता है बचपन हमें यूं ही खेलने दो, खेलकूद कर देश सेवा योग्य बनने दो,हक है हमारा खेल के मैदान पाने का, सरकार तुम उन्हें यूं गायब ना होने दो।”
यहां के नेताओं में, ठेकेदारों में सिर्फ मुनाफा कमाने की लालसा बची है। उन्हें क्षेत्र की सांस्कृतिक-विविधता और सौंदर्यीकरण पर तनिक भी ध्यान नहीं रहा है।यहीं वजह है कि चंडी प्रखंड पिछले कुछ दशक में पिछड़ता चला गया।
यहां भले ही विकास के बड़े दावे और सौंदर्यीकरण के ठेकेदारी की बात कहने वाले ज्यादा लोग हैं। लेकिन अफसोस है कि आज क्षेत्र में न अदद कोई खेल का मैदान है और न ही कोई पार्क।
आज खेल के मैदान हो या पार्क पर बात केवल एक बिंदु मात्र बनकर सीमित होकर रह गयी है, उस पर कागजों से निकल कर धरातल पर कभी अमल नहीं किया जाता। न इसपर कोई पदाधिकारी ध्यान देते हैं और न ही कोई नेता।
चंडी प्रखंड में एक समय विभिन्न कार्यालयों के परिसर में स्थित आवासीय परिसर गुलजार रहा करता था। चाहे वह चंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हो या प्रखंड कार्यालय या फिर थाना परिसर या फिर लोक निर्माण विभाग। लोगों की चहलकदमी लगी रहतीं थीं। लेकिन समय ने पलटा खाया और सब पतझड़ सी वीरानी छा गई।
चंडी प्रखंड में एक अदद पार्क की शिकायत तो सभी करते हैं, लेकिन पहल कोई नहीं करता। प्रखंड के एक ऐसे ही आरटीआई कार्यकर्ता उपेंद्र प्रसाद सिंह ने लोगों के इस दर्द को समझा और चंडी में एक अदद पार्क की गुहार सीधे सूबे के सीएम से कर दी है। बजाप्ता इस पार्क के लिए जमीन की समस्या भी हल कर दी है।
उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने सीएम को ईमेल भेजकर रेफरल अस्पताल के पास एक पार्क बनाने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि चंडी में लोगों के बैठने के लिए कोई स्थान तक नहीं है। लोग सूदूर ग्रामीण क्षेत्रों से अपने विभिन्न कार्यों और समस्याओं को लेकर प्रखंड कार्यालय या रेफरल अस्पताल आते हैं,इसके अलावा लोग खरीदारी करने के लिए भी आते हैं लेकिन उन्हें थोड़ी देर आराम के लिए कोई जगह नहीं मिलती है।
श्री प्रसाद ने सीएम से चंडी में पार्क की मांग के साथ उन्होंने जमीन की भी समस्या हल कर दी है।
उन्होंने सीएम को लिखे मेल में बताया कि रेफरल अस्पताल, कृषि फार्म और प्रखंड कार्यालय से सटे पीडब्ल्यूडी के सड़क किनारे पइन है। जो हमेशा जल भराव रहता है। जिसका अतिक्रमण भूमाफिया कर रहें हैं।
भूमाफिया से उक्त स्थल को बचाने के लिए एक पार्क बना दिया जाए तो चंडी में बहुप्रतीक्षित पार्क की मांग भी पूरी हो जाएगी और पईन अतिक्रमण से भी बच जाएगा।
उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने सीएम को सुझाव भी भेजा है जिसमें उन्होंने कहा कि चंडी नगर पंचायत के अंतर्गत आ गया है। ऐसे में अगर पार्क बन जाता है तो नगर पंचायत को इससे राजस्व की भी प्राप्ति होगी, समय-समय पर इसका सौंदर्यीकरण भी होते रहेगा।
चंडी में पार्क निर्माण की मांग पर पहल करने के लिए लोगों ने आरटीआई कार्यकर्ता उपेंद्र प्रसाद सिंह की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
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