चंडी (नालंदा दर्पण )। चंडी प्रखंड के रुखाई पंचायत की निर्वतमान मुखिया अंजलि देवी चौका लगाने को तैयार हैं।
लगातार चौथी बार उन्हें चुनाव चिह्न मोतियों की माला मिली है। पिछले तीन बार से वह पंचायत की मुखिया रही है। उनके काल में पंचायत की चहुंमुखी विकास भी हुआ है। मनरेगा तथा अन्य कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा भी हुई और उन्हें पुरस्कृत भी किया गया।
पंचायत राज भवन हो या फिर चैक डैम,सात निश्चय योजना हो वित योजना पंचायत में फलीभूत हुई। अंजलि देवी 2016 पंचायत चुनाव में एकमात्र ऐसी उम्मीदवार थी जिन्होंने अकेले अपनी सीट बचाने में सफल रही।
इतना ही नहीं बड़े अंतर से चुनाव भी जीती। यह उनकी लोकप्रियता और जनता का प्यार ही उनके प्रति दर्शाता है।
2006 से वह लगातार रुखाई पंचायत की मुखिया हैं। चौथी बार उन्होंने मैदान में अपनी जोरदार उपस्थिति दिखाई है। नामांकन के पहले ही दिन पंचायत के कुछ लोगों ने उन्हें पछाड़ने की साज़िश रची।
उनको मिलते आएं चुनाव चिन्ह मोतियों की माला हड़पने को तिड़कम भिड़ा दी। लेकिन अंजलि देवी ने अपने कुशल राजनीतिज्ञ की तरह सबको पीछे छोड़ दिया।
वह लगातार चौथी बार क्रम संख्या एक पर मोतियों की माला के साथ चुनाव मैदान में आ गई है। उन्हें हर बार की तरह हर वर्ग का समर्थन और स्नेह मिल रहा है।
अंजलि देवी की लोकप्रियता का ही कमाल था कि जिले के अधिकारी का ध्यान रूखाई पंचायत की तरफ गया।
कभी नालंदा के डीडीसी रहें कुंदन कुमार को जब मनरेगा में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया तो उस सम्मान में रुखाई पंचायत के मुखिया अंजलि देवी के योगदान को इंकार नहीं किया जा सकता है।
नालंदा डीएम ने पंचायत के यशवंत पुर गांव को गोद लेने का काम किया था। अंजलि देवी के पंचायत रुखाई में सबसे पहले पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार हुआ। उन्होंने अपने कार्यकाल में पंचायत में विकास के अनेकों काम कर चुकी है।जिसकी चर्चा जनता के जुबान पर भी है। अंजलि देवी को दिल्ली में आयोजित बाल विवाह रोकथाम कार्यशाला के लिए भी आमंत्रित किया गया था। जहां उनकी काफी प्रशंसा भी की गई।
अंजलि देवी एक बार फिर हौसले के साथ चौथी बार चुनाव मैदान में हैं।वह कहती हैं कि जनता की सेवा में मन रम गया है। पंचायत को वह सर्वश्रेष्ठ पंचायत बनाना चाहती हैं।
रूखाई पंचायत से पूर्व मुखिया मधुसूदन प्रसाद की पत्नी चंचला कुमारी फिर चुनाव मैदान में हैं।उनका सीधा मुकाबला अंजलि देवी से होगा।
इनके अलावा जो अन्य उम्मीदवार हैं उनकी कोई पहचान नहीं दिखती। वे किसी न किसी रूप में डम्मी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में है।
अंजलि देवी अतिपिछड़ी जाति से आती है। जहां सवर्णों का समर्थन के अलावा अन्य पिछड़ी जातियों का वोट फिर से मिलता दिख रहा है।
अगर अंजलि देवी चौथी बार चुनाव जीतने में कामयाब रही तो चंडी प्रखंड के लिए यह एक रिकॉर्ड होगा जिसे तोड़ना आने वाले कई वर्षों में भी आसान नहीं रहेगा।
-
चंडी पश्चिमी जिला परिषद सीट से अब तक पूर्ण विश्वास में क्यों नहीं आ रहे हैं प्रत्याशी ?
-
छठ का प्रसाद ग्रहण करने निकला छात्र गायब, अपहरण की आशंका
-
औंगारी धामः भारत का एकमात्र सूर्य मंदिर, जिसका दरवाजा…
-
थरथरीः छोटी छरियारी में अंधाधुन फायरिंग, डीजीपी के संज्ञान पर पुलिस की टूटी नींद
-
यहाँ मची है महादलित समाज का सबसे अधिक पढ़ा-लिखा मुखिया प्रत्याशी की धूम