बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। नालंदा जिले के 14 सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) गोदामों में कार्यरत मजदूरों ने अपनी हक की लड़ाई तेज कर दी है। मजदूरों ने बढ़ी हुई मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा की मांग को लेकर प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी दी है कि उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं तो वे कामकाज पूरी तरह से बंद कर देंगे।
मजदूरों की आवाज़ फूड एंड एलाइड वर्कर्स यूनियन (इंटक) के बैनर तले बुलंद हुई है। यूनियन के जिलाध्यक्ष राजेश पासवान ने इस संबंध में राज्य खाद्य निगम के नालंदा जिला प्रबंधक को पत्र लिखा है और बताया है कि नई टेंडर व्यवस्था के तहत डीएसडी अभिकर्ता द्वारा मजदूरी दर 38 रुपये प्रति बैग तय की गई है। यह नई दरें 1 जनवरी से लागू हैं। लेकिन मजदूरों को केवल 5 रुपये प्रति बैग ही मिल रहे हैं।
मजदूरों का कहना है कि उन्हें कम से कम 7.50 रुपये प्रति बैग मजदूरी मिलनी चाहिए। इसके अलावा वे पीएफ (भविष्य निधि) और ईएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा) जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाओं से भी वंचित हैं। ठेकेदार उन्हें धमकी देकर कम दर पर काम करने को मजबूर कर रहे हैं। बाजार समिति के प्रांगण में यूनियन के नेतृत्व में दर्जनों मजदूरों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में उनकी मांगों की गूंज साफ सुनाई दी।
यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर मजदूरों की मांगें नहीं मानी गईं तो वे जिले के सभी 14 टीपीडीएस गोदामों में काम बंद कर देंगे। इस स्थिति से उत्पन्न किसी भी नुकसान के लिए जिला प्रबंधक जिम्मेदार होंगे। हमारे पसीने की कीमत कम नहीं हो सकती। हमें हमारा अधिकार चाहिए। हम सामाजिक सुरक्षा और बेहतर मजदूरी के बिना काम नहीं करेंगे।
इस चेतावनी के बाद जिला प्रशासन और खाद्य निगम के अधिकारियों के सामने चुनौती है कि वे इस मामले को सुलझाकर मजदूरों की समस्याओं का समाधान करें। अन्यथा मजदूरों के हड़ताल पर चले जाने से सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन प्रभावित हो सकती है।
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