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    Sunday, September 8, 2024
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      जदयू नेता की पुलिस हाजत में मौत से मचे बवाल के बीच थानेदार, आईओ व चौकीदार अरेस्ट

      “अधिकारिक सूचना है कि इस मामले में शीर्ष प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष कमलेश कुमार, एएसआई बलिंद्र राय एवं एक चौकीदार संजय पासवान को प्रारंभिक दोषी मानते हुए संस्पेंड करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच कार्रवाई की जा रही है। इस संबंध में मृतक के पुत्र ने थाना पुलिस पर हत्या करने की प्राथमिकी दर्ज कराई है …”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क (नालंदा ब्यूरो)। नगरनौसा थाने में जेडीयू दलित प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष गणेश रविदास द्वारा फांसी लगाए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है।nalanda police crime1

      हालांकि अधिकारिक सूचना है कि इस मामले में शीर्ष प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष कमलेश कुमार, एएसआई बलिंद्र राय एवं एक चौकीदार को प्रारंभिक दोषी मानते हुए संस्पेंड करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच कार्रवाई की जा रही है।

      शव को देखते ही परिजन भड़क उठे और पुलिस के ऊपर टार्चर के बाद फांसी लगाकर हत्या किये जाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

      उग्र ग्रामीणों द्वारा पुलिस के विरोध में सड़क पर आगजनी करते हुए बिहार शरीफ-फतुहां मार्ग को आगजनी करते जाम कर पुलिस पर पथराव किया। उधर पुलिस ने जबाबी कार्रवाई करते हुए खूब लाठियां भांजी। इस पुलिस-पब्लिक भिड़त में कई लोगों को चोटें आई है

      मौत के बाद हरकत में आई नालंदा पुलिस प्रशास के वरीय पुलिस अधिकारियों के सामने मेडिकल टीम के द्वारा बिहार शरीफ सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराई गयी। साथ पोस्टमार्टम की वीडियो ग्राफ़ी भी कराई गई।

      इधर दूसरी ओर उग्र ग्रामीणों ने नगरनौसा में पुलिस के विरोध में सड़क पर आगजनी  करते हुए बिहार शरीफ-फतुहां मार्ग को आगजनी करते हुए जाम कर दिया। इसे लेकर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किए जाने खबर है।nalanda police crime 11

      इधर नगरनौसा पुलिस का कहना है कि गणेश रविदास शौच के लिए गए थे और वहीं उन्होंने फांसी लगा लिया।  नालंदा एसपी ने पुलिस प्रताड़ना से आत्महत्या किये जाने की बात से साफ इंकार करते हुए जाँच की बात कही कि आखिर इसने आत्म हत्या क्यों की।

      बताया जाता है कि एक किशोरी के अपहरण के मामले में पुलिस ने घटना के दो दिन पहले गणेश रविदास को पूछताछ के लिए घर से उठा लिया था। जबकि गणेश रविदास इस मामले में आरोपित नहीं थे।

      बाबजूद पुलिस उन्हें बुलाकर हाजत में बंद कर दिया। अगर पुलिस की बातों को सही भी माने तो गणेश शौच के लिए गए थे और अंदर से बंद कर फांसी लगा लिया। लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि बाथरूम में फांसी लगाने के लिए रस्सी कहां से आयी और अगर गणेश को टार्चर नहीं किया गया तो फिर शरीर पर जख्म के निशान कहां से आये।

      इस मामले ने नालंदा पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। अगर इस मामले का सही तरीके से अनुसन्धान होगा तो नगरनौसा पुलिस को जेल जाना तय मना जा रहा है।

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