बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। समाज कल्याण विभाग और चाइल्ड हेल्पलाइन की संयुक्त कार्रवाई के दौरान राजगीर कुंड परिसर से 14 बच्चों को जबरन भिक्षावृत्ति से मुक्त कराया गया। इन मासूम बच्चों का इस्तेमाल विदेशी पर्यटकों से भीख मंगवाने के लिए किया जा रहा था। प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया है।
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस, समाज कल्याण विभाग और एनजीओ की एक विशेष टीम ने राजगीर कुंड परिसर में यह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। छानबीन में यह सामने आया कि इन बच्चों को उनके ही परिजनों ने जबरन भीख मांगने के धंधे में धकेल दिया था। वे पर्यटकों के सामने रो-धोकर पैसे मांगते थे और बाद में पूरा पैसा उनके परिवार वालों को सौंप देते थे।
चाइल्ड वेलफेयर पदाधिकारी रंजन कुमार के अनुसार बच्चों को इस घिनौने काम में धकेलने के पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है। जिसमें कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हो सकते हैं।
मुक्त कराए गए सभी बच्चों को आवश्यक काउंसलिंग और पुनर्वास के लिए बाल कल्याण समिति नालंदा के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति यह तय करेगी कि इन बच्चों को परिवार के पास भेजा जाए या किसी सरकारी देखरेख केंद्र में रखा जाए।
प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। पुलिस अब उन लोगों की पहचान कर रही है। जो इस अवैध धंधे में शामिल हैं। प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों से अपील की है कि अगर वे किसी बच्चे को जबरन भीख मांगते हुए देखें तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) या पुलिस को सूचना दें।
हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब बच्चों को जबरन भिक्षावृत्ति में धकेला गया हो। इससे पहले भी राजगीर और अन्य पर्यटन स्थलों पर इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। समाज कल्याण विभाग ने साफ कर दिया है कि ऐसे मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को बाल श्रम और मानव तस्करी कानूनों के तहत कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
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