बिहार शरीफ (नालंदा दर्पण)। बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी कानून में किये गए संशोधन का फायदा शराबियों को खूब मिल रहा है। नशे की हालत में पकड़े जाने पर अब ये जेल जाने के बजाय जुर्माना भरकर रिहा हो रहे हैं।
जिला न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ सह विशेष न्यायाधीश (उत्पाद) मनीष कुमार शुक्ला ने 1 माह के दौरान मद्य निषेध अधिनियम 37बी के तहत पहली बार शराब के नशे की हालत में पकड़े गए 83 अभियुक्तों को जुर्माना लगाकर रिहा किया है।
इन शराबियों से सरकारी खजाने में 1 लाख 69 हजार रुपये की आमदनी हुई है। संशोधित कानून का लाभ वैसे अभियुक्तों को भी मिल रहा है जो इस संशोधन के पूर्व से ही आरोपित हैं।
नालंदा जिला विशेष लोक अभियोजक (उत्पाद) रमाशंकर प्रसाद ने बताया कि 83 अभियुक्तों में से 17 वैसे अभियुक्त हैं, जिन पर नया अधिनियम बनने के पूर्व से ही मामला दर्ज है। इन्हें भी नए कानून का लाभ मिला।
उन्होंने बताया कि नए कानून के तहत पुनः दूसरी बार नशे की हालत में पकड़े गए तो सीधे जेल की सजा देने का प्रावधान है। जब्त वाहन एवं सील किये गए भवनों को भी जुर्माना लेकर मुक्त करने का प्रावधान भी संशोधित कानून में सरकार ने की है।
श्री प्रसाद ने बताया कि इसी प्रकार सील किये गए भवन परिसर को न्यूनतम 1 लाख रुपये का जुर्माना राशि जमाकर सील मुक्त कराया जा सकता है।
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