
नालंदा दर्पण डेस्क। माता जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम सीतामढ़ी को एक भव्य तीर्थस्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। बिहार सरकार की कैबिनेट ने पुनौराधाम के समग्र विकास के लिए तैयार की गई वृहद योजना को मंजूरी दे दी है।
इस योजना के तहत 882 करोड़ 87 लाख रुपये की लागत से भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। अब इस योजना का कार्य जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगस्त 2025 तक इसका शिलान्यास कराने का निर्देश दिया है।

बताया जाता है कि पुनौराधाम को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या की तर्ज पर विकसित करने की योजना बनाई गई है। इस परियोजना के अंतर्गत मां जानकी के भव्य मंदिर के निर्माण के साथ-साथ तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए आधुनिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसमें शामिल हैं-
मुख्य मंदिर परिसर: मां जानकी को समर्पित एक भव्य मंदिर, जो स्थापत्य कला का उत्कृष्ट नमूना होगा।
तीर्थयात्री सुविधा केंद्र: आवास, भोजनालय, और पार्किंग जैसी सुविधाएं।
सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र: रामायण और मां जानकी से संबंधित सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए केंद्र।
पर्यावरण संरक्षण और हरित क्षेत्र: मंदिर परिसर के आसपास वृक्षारोपण और पार्कों का निर्माण।
आधुनिक बुनियादी ढांचा: सड़क, बिजली, और जलापूर्ति जैसी सुविधाओं का विकास।
इस परियोजना का उद्देश्य पुनौराधाम को न केवल एक धार्मिक स्थल के रूप में, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना को बिहार के लिए गौरव का विषय बताया है। उन्होंने कहा कि पुनौराधाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण बिहारवासियों के लिए सौभाग्य की बात है। हम इस परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए कृतसंकल्पित हैं।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि परियोजना का कार्य निर्धारित समय सीमा में शुरू हो और गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए।

बता दें कि पुनौराधाम मां सीता की जन्मस्थली के रूप में विख्यात है और यह बिहार के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस परियोजना के माध्यम से न केवल इस पवित्र स्थल का सौंदर्यीकरण होगा, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। पर्यटन के विकास से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और सीतामढ़ी एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में वैश्विक मानचित्र पर उभरेगा।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब परियोजना के कार्यान्वयन की प्रक्रिया तेजी से शुरू होगी। अगस्त 2025 में शिलान्यास समारोह के साथ इस परियोजना का औपचारिक शुभारंभ होगा। अधिकारियों ने बताया कि परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।