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अब पीड़ित महिलाओं को जल्द मिलेगा अल्पावास गृह की सौगात

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। अब वर्षों बाद नालंदा जिले में पारिवारिक और सामाजिक अत्याचारों का शिकार हुई महिलाओं के लिए एक बार फिर अल्पावास गृह (short stay home) की स्थापना होने जा रही है।

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और मई 2025 तक इसका संचालन शुरू होने की उम्मीद है। यह अल्पावास गृह पीड़ित महिलाओं को न केवल सुरक्षित आश्रय प्रदान करेगा, बल्कि उनकी जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने के लिए आवश्यक सहायता और संसाधन भी उपलब्ध कराएगा।

राज्य सरकार ने इस अल्पावास गृह को मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के अंतर्गत संचालित करने का निर्णय लिया है। यह गृह 25 बेड की क्षमता वाला होगा और इसे एक निजी आवास में स्थापित किया जाएगा। यहां पीड़ित महिलाओं को 60 से 90 दिनों तक आश्रय दिया जाएगा, जिसके दौरान उन्हें कई विशेष सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

कानूनी सहायता: पीड़िताओं को उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कानूनी सलाह और सहायता।

मनोवैज्ञानिक परामर्श: मानसिक रूप से मजबूती प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा परामर्श।

चिकित्सकीय सुविधाएं: स्वास्थ्य जांच और उपचार की व्यवस्था।

रहने और भोजन की सुविधा: सुरक्षित और स्वच्छ आवास के साथ पौष्टिक भोजन।

अल्पावास गृह में महिलाओं के साथ उनके बच्चों को भी आश्रय देने की व्यवस्था होगी। 10 वर्ष तक के बच्चे अपनी मां के साथ रह सकेंगे। जबकि कन्या शिशुओं के लिए कोई आयु सीमा लागू नहीं होगी। उनके बच्चों के लिए दूध और पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य सेवाएं और नियमित चिकित्सा जांच, शिक्षण सामग्री और प्रारंभिक शिक्षा की व्यवस्था जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

इस अल्पावास गृह का उद्देश्य केवल अस्थायी आश्रय प्रदान करना ही नहीं, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना भी है। इसके लिए कई पहल की जाएंगी।  जिनमें कौशल विकास प्रशिक्षण जैसे सिलाई, कढ़ाई, हस्तशिल्प और अन्य व्यावसायिक कौशलों का प्रशिक्षण मिलेगी। ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें। वहीं मनोरंजन और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैरम, लुडो, पुस्तकालय और टेलीविजन जैसे मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे, जो महिलाओं को मानसिक तनाव से राहत दिलाने में मदद करेंगे।

गौरतलब है कि पांच साल पहले नालंदा में एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा संचालित अल्पावास गृह को सरकारी मानकों का पालन न करने के कारण बंद कर दिया गया था। इस बार सरकार ने इस परियोजना की बागडोर खुद संभाली है और सभी बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने का वादा किया है। चयनित एजेंसी के साथ मिलकर सरकार इस गृह की नियमित निगरानी करेगी। ताकि पीड़ित महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

यह अल्पावास गृह नालंदा जिले में उन महिलाओं के लिए एक नया अवसर लेकर आएगा, जो हिंसा और उत्पीड़न के कारण अपने जीवन को फिर से शुरू करने की हिम्मत खो चुकी हैं। यह पहल न केवल उन्हें सुरक्षित आश्रय और सहायता प्रदान करेगी, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को मजबूत करने में भी मदद करेगी।

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