फीचर्डखेती-बारीनालंदाबिग ब्रेकिंगबिंदबिहार शरीफ

नीलगायों का आतंकः किसानों की फसलें तबाह कर रही है जंगली जानवर

बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। बिंद प्रखंड क्षेत्र में नीलगायों का आतंक दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। ये जंगली जानवर अब किसानों की सबसे बड़ी दुश्मन बन चुके हैं, जो उनकी कड़ी मेहनत और हजारों रुपये की लागत से तैयार की गई फसलों को पल भर में बर्बाद कर रहे हैं। दिन हो या रात, नीलगायों के झुंड खेतों में घुसकर फसलें चट कर रहे हैं, जिससे किसान बेहद परेशान और निराश हैं। प्रखंड के लगभग सभी गांवों में यह समस्या फैल चुकी है और किसानों के सामने सिवाय सिर पीटने के कोई चारा नहीं बचा है।

Nilgai terror Wild animals are destroying farmers crops 1
Nilgai terror Wild animals are destroying farmers’ crops.

बिंद प्रखंड में मुख्य रूप से रबी, दलहन, तेलहन, सब्जी और खरीफ फसलें जैसे मकई तथा धान की खेती की जाती है। किसान महीनों की मेहनत से इन फसलों को लहलहाते देखकर खुशी से फूले नहीं समाते, लेकिन नीलगायों का कहर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर रहा है। अच्छी पैदावार की आस लगाए किसानों के सपने अब चूर-चूर होते नजर आ रहे हैं। जैसे ही फसलें पकने की ओर बढ़ती हैं, वैसे ही नीलगायों के झुंड खेतों में धावा बोल देते हैं। एक झटके में कई एकड़ की फसलें तबाह हो जाती हैं, और किसान हाथ मलते रह जाते हैं।

किसानों का कहना है कि वर्तमान समय में नीलगायों से सबसे अधिक नुकसान हो रहा है। हम रात-दिन खेतों की रखवाली करते हैं, लेकिन ये झुंड इतने बड़े होते हैं कि कुछ नहीं कर पाते। फसल लहलहाने लगती है तो नीलगायें आ धमकती हैं और सब कुछ चट कर जाती हैं। हमारी मेहनत और पैसे दोनों बर्बाद हो रहे हैं। सरकार से गुहार लगाते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।

यह समस्या अब प्रखंड के अमूमन सभी क्षेत्रों में फैल चुकी है। ताजनीपुर, नैरंगा, बिंद, मिराचक, कुशहर, बकरा, जहाना सहित अन्य गांवों में नीलगायों के उत्पात ने खेती को पूरी तरह तबाह कर दिया है।

किसान बताते हैं कि दिन के उजाले में तो कुछ हद तक नजर रखी जा सकती है, लेकिन रात के अंधेरे में इनकी हरकतें और बढ़ जाती हैं। झुंड के झुंड खेतों में घुसकर मकई, धान, दलहन और सब्जियों को नष्ट कर देते हैं। पिछले हफ्ते ही एक किसान के तीन एकड़ के खेत में लगी मकई की फसल को नीलगायों ने रातों-रात बर्बाद कर दिया। हजारों रुपये का नुकसान हो गया और अब उन्हें कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है।

Nilgai terror Wild animals are destroying farmers crops 2 1
Nilgai terror Wild animals are destroying farmers’ crops.

नीलगायों की बढ़ती संख्या के पीछे जंगलों की कमी, वन्यजीव संरक्षण और आसपास के क्षेत्रों में शिकार पर प्रतिबंध जैसे कारण बताए जा रहे हैं। लेकिन किसानों के लिए यह संरक्षण अब अभिशाप बन चुका है। वे मांग कर रहे हैं कि वन विभाग और जिला प्रशासन तुरंत हस्तक्षेप करे। नीलगायों को पकड़कर दूर के जंगलों में छोड़ा जाए या फिर मुआवजे की व्यवस्था की जाए।

यह समस्या केवल बिंद प्रखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि नालंदा जिले के कई अन्य क्षेत्रों में भी फैल रही है। किसान संगठनों ने भी इस मुद्दे को उठाया है और जल्द से जल्द समाधान की मांग की है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में खाद्य संकट की स्थिति पैदा हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

error: Content is protected !!