राजगीर (नालंदा दर्पण)। बिहार के सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला। उनके चहेते ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का गांव जेवार। दावा हर जगह विकास का। लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग।
अभी थोड़ी देर पहले नालंदा विधान सभा के राजगीर प्रखंड के मेयार पंचायत के बढ़ौना गांव की कुछ तस्वीरें प्राप्त हुई है। वेशक ये तस्वीरें एयरकंडीशन छाप विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री और उनके करींदे को शर्मसार करने वाली है।
सीएम खुद अपनी चुनावी सभाओं में सात निश्चय योजनाओं का गुणगान करते नहीं थकते। वे विकास के नाम पर वोट मांगते फिर रहे हैं। लेकिन इस तरह के बेतरतीव विकास के ढिंढोंरे के क्या मायने हैं, न तो कभी उन्होंने समझने का प्रयास किया और न ही जातिवादी राजनीति के बल चुनाव जीतने वाले उनके चहेते, जिनका अपना कहीं कोई बजूद नजर नहीं आता। अगर ऐसे लोग वार्ड-मुखिया का भी चुनाव लड़े तो गांव का कोई अदद युवक धुल चटा दे।
बहरहाल, बढ़ौना गांव के लोगों को इस चिलचिलाती धूप में महज पीने के पानी के लिए तरसते देखा गया। अफसर-नेता चुनाव आचार संहिता की थोथी दलील देकर नकारा बने हुए है। आखिर बिसलेरी की बोतल लेकर एयरकंडीशन्ड टॉयलेट जाने वाले आम जन की पीड़ा समझें तो कैसे….?