बिहारशरीफ (नालंदा दर्पण)। जेईई मेन, नीट यूजी, सीयूईटी यूजी जैसी प्रमुख राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं में पेपर लीक और गड़बड़ी को रोकने के लिए अब परीक्षा केंद्रों को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की परीक्षा सुधार समिति ने इन परीक्षाओं को फूलप्रूफ बनाने के लिए कई अहम सिफारिशें की हैं। जिनमें प्रमुख रूप से सरकारी शिक्षण संस्थानों जैसे कि आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालयों को परीक्षा केंद्र के रूप में उपयोग करने का प्रस्ताव शामिल है।
समिति ने एनटीए को सुझाव दिया है कि वह अपने वर्तमान परीक्षा केंद्रों में बदलाव करे और इन संस्थानों को परीक्षा केंद्र बनाकर परीक्षाओं की सुरक्षा में सुधार करे। इन संस्थानों में पहले से ही उच्च स्तरीय सीसीटीवी निगरानी प्रणाली और ऑनलाइन परीक्षा के लिए तकनीकी ढांचा मौजूद है। इससे परीक्षाओं के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सकेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का होगा इस्तेमालः इसके अलावा समिति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का व्यापक इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की है। परीक्षा के आयोजन से लेकर प्रश्न-पत्र, उत्तर-पत्रिका और अन्य प्रक्रियाओं में AI का उपयोग किया जाएगा। इससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना को समाप्त किया जा सके। एनटीए को परीक्षा केंद्रों की निगरानी और परीक्षा संचालन के लिए AI तकनीकों को अपनाना होगा ताकि परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सके।
नीट यूजी 2024 में हुई गड़बड़ी से लिया सबकः 2024 की नीट यूजी परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के बाद से यह कदम उठाया जा रहा है। उस समय परीक्षा केंद्रों पर हुई गड़बड़ी ने परीक्षा प्रक्रिया की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद एनटीए से इस दिशा में सुधार के लिए कदम उठाने को कहा गया।
सरकारी संस्थानों को प्राथमिकताः सिफारिशों में यह भी कहा गया है कि सरकारी शिक्षण संस्थानों में परीक्षा केंद्र बनाए जाने से गोपनीयता सुनिश्चित की जा सकेगी और बाहरी गड़बड़ियों की संभावना कम होगी। इसके लिए केंद्र सरकार के अधीन आईआईटी, एनआईटी और एआईसीटीई के मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज, नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालयों का उपयोग किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त एनटीए को परीक्षा संचालन के लिए एक प्रशिक्षित वर्कफोर्स तैयार करने की भी सलाह दी गई है। ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की चुनौतियों से निपटा जा सके और परीक्षाओं की प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित रह सके।
वेशक इस बदलाव से न केवल परीक्षाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। बल्कि परीक्षा केंद्रों के संचालन में भी पारदर्शिता और विश्वसनीयता आएगी। यह कदम भारत में प्रवेश परीक्षाओं की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को और अधिक मजबूत करेगा।
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