नगरनौसा (अभिषेक भारती)। शांति का संदेश लेकर दक्षिण कोरिया के 108 बौद्ध तीर्थयात्रियों का दल सोमवार को पदयात्रा करते हुए नगरनौसा पहुंचे। विश्वशांति के उद्येश्य से ये तीर्थयात्री नौ फरवरी से पदयात्रा पर हैं।
साथ ही शांतिदूत इंटरनेशनल स्कूल के विद्यार्थियों ने पुष्प वर्षा करते हुए अपने हाथों में बुद्ध भगवान के चित्र लेकर स्वागत किया।
राजगीर समेत कई बौद्ध स्थलों का ये भ्रमण कर चुके हैं। भगवान बुद्ध के विचार दोनों देशों को सहजता से जोड़ते हैं। बुद्ध की दृष्टि विश्व को नई राह दिखाती है। इन पदयात्रियों से सद्भावना व शांति का नया द्वार खुलेगा। अहिंसा व मैत्री बढ़ेगी।
नगरनौसा पहुंचे भिक्षु पदयात्री रात्रि विश्राम कर सुबह पटना जिला के फतुहा प्रखंड के सोनारू के लिए पदयात्रा पर निकलेंगे।वे भारत और दक्षिण कोरिया के आपसी राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल पूरे होने पर पदयात्रा कर इसका उत्सव मना रहे हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा के बाद वे नेपाल जाएंगे। यह पदयात्रा 23 मार्च तक चलेगा।
सुरक्षा को लेकर पुलिसकर्मियों की तैनातीः दक्षिण कोरिया के 108 बौद्ध तीर्थयात्रियों का दल पदयात्रा करते हुए नगरनौसा पहुंचे। बौद्ध तीर्थयात्रियों के सुरक्षा को लेकर हाई स्कूल में पुलिसकर्मियों की तैनाती किया गया।
तीर्थयात्रियों का दल नगरनौसा पहुँचने पर हिलसा डीएसपी कृष्ण मुरारी नगरनौसा पहुंच सुरक्षा का जायजा लिया साथ ही तीर्थयात्रियों से भी मिले।
एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्यः ये बौद्ध यात्री इस पदयात्रा के माध्यम से एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का संदेश दे रहे हैं। विश्व शांति के लिए लोगों ने प्रार्थना सभा और जीवन की गरिमा के लिए आशीर्वाद समारोह किया। जी-20 के कारण यह यात्रा और महत्त्वपूर्ण हो जाती है।
नेपाल भी जाएंगे दल में शामिल लोगः उत्तर प्रदेश और बिहार स्थित बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा के बाद नेपाल भी जाएंगे। बीते 9 फरवरी से यह पदयात्रा शुरू हुई है। सभी पदयात्री आगामी 23 मार्च तक भारत और नेपाल स्थित पवित्र बौद्ध स्थलों के 43 दिनों की यात्रा पर रहेंगे।
तीर्थयात्रा का उद्देश्य बौद्ध संस्कृति का प्रसार करना भी है। यात्रा एक पृथ्वी, एक परिवार,एक भविष्य की संकल्पना के अनुरूप है। यात्रा में शामिल सदस्यों ने कहा कि यह यात्रा लोगों की भावनाओं को जागृत करते हुए द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने वाले दोनों देशों के लोगों के बीच अपार सद्भावना पैदा करने वाली है।
उन्होंने कहा कि हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक कोरिया से भारत आते हैं और विश्व शांति के लिए प्रार्थना सभा और जीवन की गरिमा के लिए आशीर्वाद समारोह आयोजित करते हैं।
इस बार भारत को मिली जी-20 की मेजबानी के कारण यह यात्रा और भी ज्यादा महत्वपूर्ण अर्थ रखती है। इन्हीं प्रसंगों को लेकर दक्षिण कोरिया के 108 बौद्ध तीर्थयात्री नालंदा पहुंचे।
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